हिसार,
खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ शिकंजा कसा जाएगा तथा उन पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। मिलावट करने वालों पर सख्त कार्यवाही करने के लिए प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त उपायुक्त को विशेष शक्तियां प्रदान की हैं।
यह बात उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने आज अपने कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट का मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि यह आम व्यक्ति के स्वास्थ्य जुड़ा हुआ है। ऐसे मामलों में अधिक सख्ती बरतने के लिए सरकार ने अतिरिक्त उपायुक्त को और अधिक शक्तियां प्रदान की हैं। अब खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामलों की सुनवाई का अधिकारी एडीसी को होगा और उनके द्वारा मिलावट करने वालों पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिला में खाद्य पदार्थ मिलावट के 53 मामले लंबित हैं और गत माह के दौरान 13 सैंपल भरे गए हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के उद्देश्य से खाद्य पदार्थों के सैंपलों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
उपायुक्त ने बताया कि सरकारी स्कूलों के शिक्षा स्तर में सुधार के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इस कार्य को चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। प्रथम चरण में चार ब्लॉक आदमपुर, अग्रोहा, उकलाना व हिसार प्रथम के स्कूलों को लिया जाएगा। इन ब्लॉकों के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के शिक्षा स्तर का आकलन थर्ड पार्टी द्वारा किया जाएगा। इस आकलन प्रक्रिया में स्थानीय स्तर का कोई भी अधिकारी शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों के कारण जिला के परीक्षा परिणाम में सुधार हुआ है। परंतु इसमें और अधिक सुधार करने के लिए कार्य किया जा रहा है। विद्यार्थी जिस कक्षा में पढ़ रहा है, उसका बौद्धिक स्तर अथवा लर्निंग लेवल उसी स्तर का होना चाहिए। जिला के जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम सबसे खराब है, उन स्कूलों की सूची मांगी गई है। इन स्कूलों का परीक्षा परिणाम खराब क्यों रहा इसके कारणों की पहचान की जाएगी। इसके साथ-साथ जिला में मॉडल स्कूलों की भी स्थापना की जाएगी जिनमें सभी तरह की शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में उपायुक्त ने कहा कि स्कूलों व अन्य स्थानों पर छोटी बच्चियों के साथ होने वाली उत्पीडऩ की घटनाओं पर रोक लगाने के मामले में प्रशासन गंभीर है। ऐसा मामला सामने आने पर दोषी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है। फिर भी स्कूली छात्राओं को जागरूक करने की दिशा में जिला में बेटी बचाओ-बेेटी पढाओ अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इनमें लड़कियों को उनके कानूनी अधिकारों के साथ-साथ आत्म रक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ईंट-भट्टों व अन्य ऐसे स्थान जहां पर मजदूरों की संख्या अधिक है, वहां बच्चों की शिक्षा का वैकल्पिक प्रबंध भी किया जा रहा है। इसके लिए भारत सरकार को एक प्रस्ताव बनाकर पहले ही भेजा जा चुका है। ऐसा करने से एक ओर जहां बच्चों को शिक्षा मिल पाएगी, वहीं ये बच्चे बाल मजदूरी से भी बच पाएंगे।
उन्होंने कहा कि जिला में दिव्यांगों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी 15 अगस्त तक शुरू करवा दी जाएगी। इसके अलावा जिला प्रशासन जिला बाल कल्याण परिषद के बाल भवन में भी एक लाईब्रेरी स्थापित करने जा रहा है जहां शिक्षा के साथ-साथ मनोरंजन के भी साधन होंगे। यहां बच्चे ऑडियो-वीडियो प्रणाली के माध्यम से कार्यक्रम देख व सुन सकेंगे। इस पुस्तकालय का लाभ निजी व सरकारी स्कूल के विद्यार्थी भी निशुल्क उठा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि यौन उत्पीडऩ के मामलों को रोकने के उद्देश्य से विभिन्न विभागों व शैक्षणिक संस्थानों को यौन उत्पीडऩ समितियां गठन करने के आदेश पहले से ही दिए जा चुके हैं। अधिकतर विभागों द्वारा कमेटियां गठित की जा चुकी हैं। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर एक अन्य यौन उत्पीडऩ समिति का गठन पहले से ही है। यदि कोई यौन उत्पीडऩ का मामला आता है, तो उसमें शिकायत की जा सकती है। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा की विभिन्न मुहिमों के अतिरिक्त अगले सप्ताह नारी चौपाल व बेटी जन्मोत्सव जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। जिला हिसार की ऐसी महिलाओं व बेटियों को सम्मानित करने के लिए गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में अगस्त के दूसरे सप्ताह में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर मुद्दा है। इस दिशा में जिला प्रशासन ने अनेक कदम उठाए हैं। इनमें पॉलीथिन मुक्त अभियान एक है। इस बारे एक रूपरेखा तैयार की गई है और पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किसी एक क्षेत्र में लागू की जाएगी। तत्पश्चात धीरे-धीरे जिलाभर में गंभीरता के साथ इसे लागू कर दिया जाएगा। हालांकि पॉलीथिन व एकल प्रयोग वाली पानी की बोतलों आदि पर पहले से ही रोक है। इसके साथ-साथ फसल अवशेष प्रबंधन बारे भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण कार्यक्रम का गंगवा गांव से शुभारंभ किया जा चुका है। जिला में अधिक से अधिक पौधे लगाए जाएं, इसके लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यों के सरलीकरण एवं पारदर्शिता के उद्ेश्य से सॉफ्टवेयर व तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। भूमि की पैमाइश के लिए ई-पैमाइश पहले से ही लागू की जा चुकी है। इसके साथ-साथ भूमि खरीद व बेच के लिए की जाने वाली रजिस्ट्री तथा इस कार्य की निगरानी के लिए भी राजस्व विभाग के लिए एक साफ्टवेयर बनाया जा रहा है।
जिला में यातायात व्यवस्था सुचारू व सुगम हो, इसके लिए भी बेहतर व्यवस्था लागू की जा रही है। थ्री व्हीलरों के संचालन को व्यवस्थित करने के लिए अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। इस बारे शीघ्र ही एक बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में थ्री व्हीलर चालको को यातायात नियमों की जानकारी दी जाएगी। तत्श्चात यदि कोई थ्री व्हीलर चालक यातायात व्यवस्था को भंग करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए मुरथल विश्वविद्यालय से दो एक्सपर्ट अगले सप्ताह हिसार का दौरा करेंगे जिनके साथ अलग-अलग मॉडल पर चर्चा की जाएगी ताकि यातायात व्यवस्था का बेहतर विकल्प तैयार किया जा सके। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि बस स्टैंड के पीछे की दीवार को हटवाकर बसों का संचालन बाईपास करने के लिए टेंडर हो चुके हैं जिसके मद्देनजर बसों को पीछे के रास्ते चलाने का मार्ग जल्द ही प्रशस्त होगा।