हिसार

बरसात का मौसम हिरणों के लिए बना आफत, प्रसव के दौरान गर्भवती हिरणी को कुत्तों ने नौंच खाया

आदमपुर (अग्रवाल)
बरसात का मौसम बेजुबान हिरणों के लिए आफत बनककर आया है। बरसात के कारण जमीन गीली होकर नर्म हो जाती है और हिरण के पांव उसमें धंस जाते है, ऐसे समय में कुत्तों की टोली आसानी से उसे अपना शिकार बना लेते है।
वीरवार को गांव असरावां में मिट्टी के टिलो पर गर्भवती हिरणी की प्रसव प्रक्रिया के दौरान कुत्तों ने उस पर हमला बोल दिया। कुत्तों ने जिस समय हिरणी पर हमला किया उस समय उसका बच्चा गर्भ से आधा बाहर आया हुआ था। ऐसे वक्त में कुत्तों ने उसकी गर्दन को दबोच लिया। हिरणी की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे किसान चंद्रमोहन मांझू, ऋषि मांझू व बंशीलाल सहारण ने बड़ी मुश्किल से कुत्तों को वहां से खदेड़ा। लेकिन उस समय तक हिरणी अपने प्राण त्याग चुकी थी।
चंद्रमोहन मांझू, ऋषि मांझू व बंशीलाल सहारण ने पूरे घटनाक्रम की सूचना अखिल भारतीय जीव रक्षा समिति के प्रधान कृष्ण लाल रहाड़ को दी। इसके बाद हिरणी और उसके बच्चे को सपूर्द—ए—खाक कर दिया गया। कृष्ण लाल राहड़ ने बताया कि असरावां में मिट्टी के टिल्लों में काफी संख्या में हिरण रहते है। कुछ समय पहले चंद्रमोहन मांझू व बंशीलाल सहारण के कहने पर वहां पर हिरणों के लिए पानी की व्यवस्था समिति की तरफ से करवाई गई थी।
अब पिछले कुछ समय से लगातार हो रही बरसात के कारण हिरणों का शिकार यहां पर बढ़ गया है। चंद्रमोहन मांझू व बंशीलाल सहारण नेीखे बताया कि गिली मिट्टी में हिरणों के तीखे पांव फंस जाते है। ऐसे में जाखोद गांव की तरफ से आने वाली कुत्तों की टोली इन हिरणों को असानी से शिकार बना लेती है। हिरण गिली मिट्टी में दौड़ पाने में असमर्थ हो जाते है।
समिति ने प्रशासन से मांग की है कि वे शिकारी कुत्तों को यहां से पकड़कर जंगलों में छोड़कर आए। ताकि बेजुबान हिरणों को शिकार होने से बचाया जा सके।

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Jeewan Aadhar Editor Desk