हिसार,
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फेड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा कपास रैली में अपनी उपलब्धि बताना झूठ का पुलिंदा है। सरकार कपास का एमएसपी 5150 रुपए करके किसानों को लूटना चाहती है क्योंकि लगभग 1 साल से किसान की कपास खुले बाजार में 5900 रुपए क्विंटल बिक रही है।
प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 1 अगस्त 2016 से कपास पर मार्केट फीस 2 रुपए से घटाकर 80 पैसा करने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक कपास पर मार्केट फीस 80 पैसा नहीं करके सरकार ने प्रदेश के किसान, मिलर व आढ़तियों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है।
हद तो इस बात की है सरकार ने कपास पर मार्केट फीस कम करने की अपनी बहुत बड़ी उपलब्धि बताते हुए 25 मार्च 2017 को सभी राष्ट्रीय अखबार में विज्ञापन भी दिया था। विज्ञापन में मार्केट फीस कम करके प्रदेश के किसान, मिलर व आढ़तियों को राहत देने की बात कही गई थी । 29 मार्च 2017 को भी कुरुक्षेत्र के व्यापारी सम्मेलन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कपास पर मार्केट फीस कम करने की घोषणा को अपनी उपलब्धि बताई थी। जिसके बड़े-बड़े फ्लेक्स बोर्ड हरियाणा के सभी मार्केट कमेटी ऑफिस के बाहर लगाए गए थे।
बड़े अफसोस की बात है आज 2 साल बीतने के बाद भी प्रदेश में अभी तक कपास पर मार्केट फीस 80 पैसे नहीं की गई। इसके कारण आज प्रदेश का किसान, मिलर व आढ़ती अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहा है। मार्केट फीस ज्यादा होने के कारण किसान को कपास के दाम 100 रुपए क्विंटल कम मिल रहे हैं। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार द्वारा कपास पर मार्केट फीस कम ना करने व सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश के उद्योगपति हरियाणा से पलायन करके पड़ोसी राज्य राजस्थान में लगातार उद्योग लगा रहे हैं। यहां तक की लगभग 20 जिनर मिले हरियाणा से पलायन करके राजस्थान में हरियाणा के बॉर्डर पर स्थापित हो चुकी हैं।
प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार झूठे वादे करने की बजाय अपनी घोषणाओं के अनुसार प्रदेश के किसान, मिलर व आढ़तियों के हित में कपास पर मार्केट फीस 80 पैसे करनी चाहिए और मिलरों का जो 2 साल में ज्यादा मार्केट फीस जमा हुई है, उसका रिफंड ब्याज सहित दिया जाए।