हिसार

गिड़गिड़ाने नहीं शिष्टाचार के नाते गए थे सेक्टरवासी, विधायक द्वारा जारी वीडियो में नहीं कहीं भी हमले जैसी बात

हिसार,
सेक्टर 16-17 एवं 13 पार्ट-2 रेजीडेंट वेल्फेयर एसोसिशन के प्रधान जितेन्द्र श्योराण ने कहा है कि उन सहित अन्य सेक्टरवासियों पर दर्ज किये गए झूठे केस की निष्पक्ष जांच की जाए। जांच में पता चलेगा कि हमला किसने किस पर किया और सेक्टर की महिलाओं से बदतमीजी व हाथापाई किसने की। इसके सबूत पेश करते हुए उन्होंने कहा कि अदालत पर उन्हें पूरा भरोसा है और इन्हासमेंट मामले की तर्ज पर इस मामले में भी उन्हें न्याय मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सेक्टरवासियों से मिलने से मना करने वाले विधायक को पता होना चाहिए कि सेक्टरवासी उनके सामने गिड़गिड़ाने के लिए नहीं बल्कि शिष्टाचार के नाते मिलने आए थे।

एक बयान में जितेन्द्र श्योराण ने कहा कि सेक्टरवासी लंबे समय से इन्हासमेंट के खिलाफ आंदोलन चला रहे थे। उन्होंने हुडा कार्यालय में धरना दिया, विधायक के आवास के समक्ष पिछली बार भी धरने पर बैठे, फिर आश्वासन मिला लेकिन आश्वासन पूरा न होने पर उन्हें फिर से आंदोलन को मजबूर होना पड़ा। अब पिछले तीन दिन से विधायक के आवास से 150 मीटर दूरी पर वे खुद आमरण अनशन पर थे और बाकी सेक्टरवासी धरने व क्रमिक अनशन पर थे। जिस दिन घटना हुई, उस दिन सेक्टरवासियों ने विधायक के आवास के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी, विधायक उनसे बचकर दूसरे रास्ते से जाने लगे तो सेक्टरवासी भी उनके पीछे चल पड़े और प्रधान उनके आगे लेट गए और इस मसले पर उनकी राय जाननी चाही लेकिन विधायक लेटे हुए लोगों के ऊपर से गुजरकर जाने लगे तो पीछे आ रहे सेक्टरवासियों ने विधायक के आगे घेरा बना लिया और कहा कि हमारी बात सुनो।

इस दौरान वे एक दुकान में जाकर रूक गए। फिर काफी देर तक नारेबाजी होती रही, विधायक डा. गुप्ता बाहर आए और उन्होंने आंदोलनकारियों से माइक लेकर कहा कि वे इस मुद्दे पर सेक्टरवासियों के साथ हैं और उनसे जो कुछ बन सकता था, वो किया है। इतना कहकर वे निकल गए और सेक्टरवासी भी उनका पक्ष ही सुनना चाहते थे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार एवं प्रशासन को गिरफ्तारी करने का इतना ही शौक है और हमारी मांग गलत है तो सेक्टर के 2352 प्लॉट होल्डर गिरफ्तारी देने को तैयार है, इसके लिए प्रशासन व पुलिस जगह व समय तय कर दें, हम कोई विरोध नहीं करेंगे।

महिलाओं से सुरक्षा कर्मियों ने की बदसलूकी
प्रधान जितेन्द्र श्योराण ने कहा कि घटना के दौरान एकत्रित हुई सेक्टर की महिलाओं से विधायक की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने बदसलूकी की और उनके कपड़े तक फाड़ डाले। उन्होंने कहा कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत है और वे उन्हें अदालत में पेश करके साबित कर देंगे कि गलत किसने किया है। उन्होंने एक फोटो जारी करते हुए पुलिस से सवाल किया है कि फोटो में महिलाओं के दुपट्टे खींचने वाले सफारी सूट पहले व्यक्ति की जांच करके उसे गिरफ्तार किया जाए।

विधायक को नहीं गणना की जानकारी
जितेन्द्र श्योराण ने कहा कि इतना कहकर विधायक डा. कमल गुप्ता बरवाला रैली के लिए निकल गए लेकिन कुछ देर बाद सीटीएम श्रीमती शालिनी चेतल व नगर निगम आयुक्त ने आकर कहा कि आपकी मांग मान ली गई है, और मुख्य प्रशासक ने इन्हासमेंट की दोबारा गणना की हामी भर दी है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने जो आश्वासन दिया, उसके बाद आंदोलन स्थगित कर दिया गया लेकिन क्या इस बात का विधायक को पता ही नहीं था कि उनकी मांग मान ली गई है।

सेक्टरवासी गिड़गिड़ाने नहीं गए
जितेन्द्र श्योराण ने कहा कि घटना के अगले दिन सेक्टरवासी सुबह विधायक आवास पर शिष्टाचार के नाते गए थे, गिड़गिड़ाने नहीं। मनुष्य सामाजिक प्राणी है और बड़ी से बड़ी घटना के बाद भी मिलने जाने का अपना फर्ज समझते हैं, लेकिन विधायक ने उनसे मिलने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि विधायक सार्वजनिक रूप से कह दें कि वे सेक्टरवासियों से नहीं मिलेंगे, सेक्टरवासी भी उनसे मिलने को बेताब नहीं रहेंगे, हमें भी मिलने का शौक नहीं है।

साबित किया जाए कि सेक्टरवासियों ने किया हमला
जितेन्द्र श्योराण ने कहा कि विधायक पक्ष व उनके समर्थकों द्वारा दो दिनों से सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर विधायक पर हमले की निंदा की जा रही है, लेकिन ऐसे लोग साबित करें कि वीडियो में हमला कहां है। सेक्टरवासी काले झंडों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं और यही बात हम कह रहे हैं, एक भी वीडियों में हमले जैसी कोई बात नहीं है लेकिन सेक्टरवासियों को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका समय आने पर जवाब दिया जाएगा।

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