हिसार

जाट नेता बोले—समय आने पर सरकार को दिया जायेगा जवाब

हिसार,
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति पिछले 10 सालों से अपने आरक्षण के हक को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक के नेतृत्व में लड़ाई लड़ रही है। समिति ने पिछले कांग्रेस के राज में भी आंदोलन चलाए हैं। जेलों में भी गए हैं और मुकदमें भी सहन किए व शहादत भी देनी पड़ी थी। आज समाज के सहयोग से हमारा आंदोलन कमजोर नहीं हुआ, अपितु पहले से मजबूत हुआ है। सत्ता पक्ष के मंत्रियों ने पहले भी राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक पर आरोप लगाए थे और आज की सरकार के मंत्रियों द्वारा भी आरोप लगाए जा रहे हैं। इसका संघर्ष समिति पूरजोर विरोध करती है। इसका जवाब पहले भी समिति द्वारा रैलियों व प्रैस के माध्यम से दिया जा चुका है और समय आने पर इसका जवाब फिर दिया जाएगा।
यह बात आज समिति के प्रदेश के मुख्य महासचिव एवं प्रवक्ता रामभगत मलिक ने एक बयान जारी कर कही। उन्होंने कहा कि समिति द्वारा 30 जून 2018 से हर जिला स्तर पर भाईचारा सम्मेलन की शुरूआत करके सभी जातियों के भाईचारे को कायम रखने, सरकार की वायदाखिलाफी और भाईचारा खराब करने की साजिश को उजागर करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने कहा कि समिति का नारनौंद में हुआ भाईचारा सम्मेलन सफल रहा और आखिरी सम्मेलन 12 अगस्त को रोहतक के जसिया में हुआ। इस सम्मेलन में आए भारी जनसमूह ने दिखा दिया कि सरकार कितनी भी कोशिश कर ले हमें अपना भाईचारा खराब नहीं करना है और अपना हक भी लेना है। इस सम्मेलन ने मंत्रियों की आंखें खोलने का काम किया है, इसलिए वो अब झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
रामभगत मलिक ने कहा कि सम्मेलनों के माध्यम से समिति ने सरकार से पूछा है कि सरकार जनता को यह बताए कि 14 फरवरी 2016 को सांपला रोहतक में आंदोलन के लिए रैली के आयोजक कौन से संगठन व खाप के पदाधिकारी थे। आंदोलनकारियों से 15, 17 व 21 फरवरी 2016 को समझौता करने आए आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों के रूप में किन लोगों के साथ सरकार ने समझौता किया था और उनके खिलाफ मुकदमें क्यों नहीं दर्ज किए गए। आंदोलन शुरू करने वाले व समझौता करने वाले लोगों का हरियाणा सरकार के मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, कै. अभिमन्यु व सुभाष बराला के साथ क्या संबंध है। रोहतक में हिंसा करवाने, 35-1 का नारा लगाकर हिंसा की शुरूआत करने वाले लोगों का बीजेपी मंत्री मुनीष ग्रोवर से क्या संबंध है और प्रदेश भर में जाट समाज की संस्थाओं पर हमले, महापुरूषों की प्रतिमाएं तोडऩे वाले कौन थे, सरकार उनके भी नाम उजागर करे और उनके खिलाफ कार्यवाही कब करेगी, इसका जवाब सरकार दे।

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Jeewan Aadhar Editor Desk