हिसार

कार्यक्रम के बाद नीचे फेंके गए तिरंगों को हिन्दुस्तानी ने कई घंटे लगाकर सम्मान सहित उठाया

हिसार,
राष्ट्र व मानवता को समर्पित संस्था जागो मानव बनो इंसान के अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता गंगापुत्र राजेश हिंदुस्तानी का 846 दिनों से राजीव नगर में शुद्ध पेयजल सहित लंबित मांगों को लेकर सत्याग्रह धरना जारी है वहीं सामाजिक सेवा निरंतर जारी है। राजेश हिन्दुस्तानी ने आजादी पर्व की सभी को शुभकामनाएं व बधाई देते हुए कहा कि अधिकार तो सभी चाहते हैं पर सभी नागरिक देश के प्रति अपना फर्ज अदा करें तो देश में कोई समस्या नहीं रहेगी।
महावीर स्टेडियम में हिन्दुस्तानी ने लोगों को देशभक्ति भावना से ओतप्रोत कर जोश भरा। पिछले कई वर्षों की तरह हिन्दुस्तानी ने महावीर स्टेडियम व मधुबन पार्क के अंदर व बाहर लोगों द्वारा इधर-उधर फेंके गए तिरंगे झंडे सम्मान सहित उठाकर व माथे पर लगाकर अपने बैग में रखे ताकि उन्हें सम्मान सहित तिरंगा एक्ट के तहत सम्मान दे सकें। कार्यक्रम के बाद हिन्दुस्तानी कई घंटों तक काफी लंबे-चौड़े क्षेत्र में तिरंगे झंडे उठाते रहे बाद में कुछ युवाओं प्रिंस, जोगेन्द्र, साहिल गौतम, पुष्प कटारिया, दीपक, प्रवीन आदि युवाओं ने हिन्दुस्तानी से प्रेरित होकर उनका साथ दिया। शाम को फिर हिन्दुस्तानी ने दोबारा पूरे क्षेत्र में घूम-घूम कर दो-तीन घंटे तक तिरंगे उठाए। इस मौके पर पवन चाहर व सुशील सैनी ने उनका साथ दिया।
हिन्दुस्तानी ने कहा कि शौक व मनोरंजन या दिखावे के तौर पर कुछ देर तिरंगे झंडे को उठाकर उसे ना संभाल पाना बेहद निंदनीय है। ये संविधान, देशभक्तों व तिरंगे का अपमान है। लोगों को चाहिए कि या तो वो झंडा हाथ में ना लें अगर लें तो अपने बच्चों व सभी को कहेंं कि झंडे को सम्मान सहित रखें ये कोई मनोरंजन या दिखावे की चीज नहीं है। ये पूरे देश के सम्मान का प्रतीक है। हिन्दुस्तानी ने कूड़े में व पैरों के नीचे रौंदे हुए व फाड़ कर फेंके हुए तिरंगे भी मिले।

हिन्दुस्तानी ने दुखी मन से कहा कि उन्होंने पौने छ: वर्ष से सुबह-से रात तक 15-20 घंटे रोजाना, तिरंगा उठाए रखा है लोग कुछ देर तक तिरंगे को नहीं रख सकते तो उसे उठाते ही क्यों हैं। किसी अधिकारी, नेता व अन्य ने कभी इस बात पर गौर नहीं की। गणतंत्र दिवस की मात्र औपचारिकताओं में लेने वाले लोगों, अधिकारियों व नेताओं को संविधान व तिरंगे से लेना भी क्या है किसी ने इस पर कभी कुछ नहीं किया क्योंकि ज्यादातर को खुद ही तिरंगे की मान, मर्यादा, त्याग, महत्व, सिद्धांत का पता तक नहीं है तो वो कैसे गौर करें। पहले भी पिछले कई वर्षों से हिंदुस्तानी लोगों को तिरंगे के सम्मान हेतु जागृत करते रहे हैं और रास्ते में पड़े व 15 अगस्त, 26 जनवरी पर गिरे हुए तिरंगे को सम्मान सहित उठाते रहे हैं। हिन्दुस्तानी ने लोगों से अपील की कि भूल कर भी तिरंगे व देशभक्तों का अपमान न करें।

जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी और नौकरी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

Related posts

विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन के लिए तैयार करने को कैमरी में रेडक्रॉस का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

Jeewan Aadhar Editor Desk

शुष्क कृषि तकनीक व संरक्षित खेती पर जोर देेने की जरूरत : कुलपति

लाहौरिया श्रीश्याम मन्दिर में मनाया श्याम होली महोत्सव

Jeewan Aadhar Editor Desk