हरियाणा

18 श्रम कानूनों में किया बदलाव, व्यापारियों और श्रमिकों को होगा लाभ

चंडीगढ़,
हरियाणा के श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा श्रमिकों तथा नियोक्ताओं की सुविधा के लिए 18 श्रम कानूनों में बदलाव किया गया है, जिससे उनके सामने आने वाली व्यवहारिक दिक्कतों को आसानी से दूर किया जा सकेगा।
श्री सैनी ने आज यहां विभाग द्वारा आयोजित पत्रकारवार्ता में बोलते हुए कहा कि पंजाब दुकानात एवं वाणिज्यिक संस्थान अधिनियम 1958 के अन्तर्गत धारा 30 में छूट देते हुए राज्य में महिला श्रमिकों को रात्रि पाली में कार्य करने की छूट प्रदान की गई है। इसके तहत रात्रि 7 बजे से सुबह 6 बजे तक महिलाएं अपना रोजगार कर सकेगी। इसके साथ नियोक्ता को निर्देश दिए गए कि वे महिला श्रमिकों को कार्य के दौरान पूर्ण सूरक्षा एवं यातायात के साधन उपलब्ध करवाये। इसके अंतर्गत 439 व्यवसायिक संस्थाएं तथा 92,718 महिला श्रमिक लाभान्वित हुई हैं।
श्रम मंत्री ने कहा कि श्रमिकों व संस्थानों के हित में ओद्यौगिक विवाद अधिनियम,1947 के तहत किसी भी उद्योग में 100 श्रमिकों तक नियुक्ति करने, ले-ऑफ, छंटनी या संस्था बन्द करने से पहले सरकार की अनुमति लेना आवश्यक होती है, जिसमें श्रमिकों की संख्या बढाकर 300 कर दिया है। उन्होंने कहा कि वेतन अदायगी अधिनियम, 1936 के अनुसार श्रमिकों का मासिक वेतन नकद दिया जाता था। हमने इस एक्ट में संशोधन करके श्रमिकों का वेतन अब सीधा उनके बैंक खातों में जमा करवाने के निर्देश दिए ताकि इसमें भष्टाचार पर पूरी तरह लगाम लग सके।
श्री सैनी ने कहा कि ठेका अधिनियम 1970 के तहत पहले ठेकेदार को 20 या इससे अधिक श्रमिकों के नियोजन के लिए पंजीकरण एवं लाईसेंस लेना आवश्यक होता था, जिसको बढ़ाकर 50 श्रमिक तक कर दिया गया है। हरियाणा सरकार ने लघु उद्योगों की सुविधा के लिये कारखाना अधिनियम, 1948 के प्रावधानों को सरल बनाने हेतु वर्ष 2016 में विधानसभा में संशोधन प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद बिजली वाले कारखानों में 20 श्रमिकों तथा बिजली रहित कारखानों में 40 से कम श्रमिकों वाले कारखानों को इस अधिनियम के दायरे से बाहर किया है। इस संशोधन में ओवर टाईम कार्य का समय 75 घण्टे से बढ़ाकर 150 घण्टे का प्रावधान किया है।
श्री सैनी ने कहा कि ओद्यौगिक संस्थानों, दुकानों एवं वाणिज्यिक संस्थानों में श्रम कानूनों की प्रक्रिया को सुलभ एवं सुचारू रूप से लागू करने के लिए ‘‘व्यापार सुधार नीति 2016-सुगमय व्यापार‘‘ लागू की है। इसके साथ ही बेसहारा एवं प्रवासी बच्चों के लिये पानीपत तथा यमुनानगर में चलाए जा रहे पुर्नवास केन्द्रों पर नि:शुल्क रहने, व्यवसायिक शिक्षा एवं खाने-पीने की सुविधा के लिए वित्तवर्ष 2017-18 के दौरान 70 लाख रूपये की राशि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण हेतु पंजाब कारखाना नियमों, व्यवसायिक संस्थाओं में दुष्टाचरण व उत्पीडऩ को रोकने, व्यापार को सरल बनाने के लिये पारदर्शी निरीक्षण प्रणाली, श्रमिकों, नियोक्ता तथा व्यवसायी को स्वयं प्रमाणित योजना सहित अनेक अन्य श्रमिक हितों के प्रावधानों में संशोधन किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन, श्रम विभाग के प्रधान सचिव महाबीर सिंह और सूचना एवं जन सम्पर्क तथा भाषा विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरो भी उपस्थित थे।

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