हिसार,
राज्य सरकार द्वारा परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल को एस्मा के तहत प्रतिबंधित किये जाने के रोषस्वरूप हिसार डिपो कर्मचारियों ने रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के आह्वान पर डिपो में रोष प्रदर्शन किया और सरकार पर कर्मचारी आंदोलन को कुचलने का प्रयास करने का आरोप लगाया। कर्मचारियों ने एक स्वर में कहा कि सरकार के प्रताडऩा के प्रयासों का पुरजोर विरोध किया जाएगा और 5 सितम्बर को की जाने वाली हड़ताल को ऐतिहासिक बनाकर कर्मचारी अपने रोष का इजहार करेंगे।
कर्मचारियों के रोष प्रदर्शन की अध्यक्षता डिपो प्रधान रामसिंह बिश्नोई, राजपाल नैन, सतपाल डाबला, रमेश माल, पवन बूरा, बहादुर संडवा व कुलदीप मलिक ने की। रोष प्रदर्शन को संबोधित करते हुए तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य कुलदीप पाबड़ा, सूरजमल पाबड़ा, अरूण शर्मा, सुभाष ढिल्लो, जयभगवान बड़ाला व भागीरथ शर्मा ने कहा कि सरकार एस्मा जैसे कानूनों का दुरूपयोग करके कर्मचारियों के ट्रेड यूनियन अधिकारों को कुचलना चाहती है, जिसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता के हित में तथा विभाग को बचाने के लिए रोडवेज कर्मचारी संघर्ष कर रहे हैं और उनका संघर्ष जायज होने के बावजूद सरकार सच्चाई से भागना चाहती है। उन्होंने कहा कि एस्मा लगाने का तर्क देते हुए हरियाणा सरकार ने परिवहन सेवा को आवश्यक सेवा बताया है, लेकिन सरकार जवाब दें कि जब यह विभाग ही नहीं बचेगा तो यह आवश्यक सेवा कैसे बचेगी क्योंकि सरकार किलोमीटर स्कीम के तहत 700 निजी बसें हायर करके इस विभाग का अघोषित रूप से निजीकरण करना चाहती है, जिसका पुरजोर विरोध होगा।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार को आवश्यक सेवाओं की इतनी ही चिंता है तो पहले अपने चहेतों को फायदा पहुंचाना बंद करें और परिवहन सहित विभिन्न विभागों का अघोषित निजीकरण बंद करें, अन्यथा सरकार के आवश्यक सेवा के सभी तर्क बेमानी है और इस तरह के तर्कों से आंदोलन को कुचला नहीं जा सकता। उन्होंने एकत्रित कर्मचारियों व आम जनता से आह्वान किया कि वे 5 सितम्बर की हड़ताल में अधिक से अधिक सहयोग देकर इसे सफल बनाएं और सरकार को मुंहतोड़ जवाब दें।
कर्मचारियों को धर्मपाल बूरा, अजमेर सावंत, कमल निंबल, दर्शन जांगड़ा, सुलेश इंदौरा, देवेन्द्र सिंह, अनूप सहारण, जोगेन्द्र लांबा, सत्यवान तथा अशोक कुमार सहित अन्य ने भी संबोधित किया। प्रदर्शन में सैंकड़ों कर्मचारी शामिल हुए, जिन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर रोष जताया।