हिसार

गुरू जम्भेश्वर ने मानव समाज को वैचारिक क्रांति दी : कुलदीप

हिसार,
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई ने कहा है कि गुरू जंभेश्वर महाराज ने 16वीं शताब्दी में मानव समाज को एक नई वैचारिक क्रांति दी थी। उन्हीं के दिखाए आदर्शों पर चलते हुए हमें समाज को एकजुट करके अपने बच्चों को शुरू से ही मानवता की भलाई, अच्छाई-बुराइयों के बारे में विस्तार से बताएं। बच्चों को सिर्फ स्कूलों में भेजने से ही अभिभावक अपना दायित्व उनके प्रति संपूर्ण न समझें और उन्हें घर आने पर भी समय दें, समाज के बारे में बताएं, ताकि शुरू से से ही बच्चे अच्छाइयों के प्रति पे्ररित हो सकें और बुराइयों से दूर रहें।

कुलदीप बिश्नोई यहां के बिश्नोई मंदिर में गुरू जंभेश्वर भगवान के 568वें जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान सभी विशिष्ट अतिथियों ने चौ. भजनलाल की तरह कुलदीप बिश्नोई का मजबूती से साथ देकर आगे बढऩे का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बिश्नोई समाज ने वन, वन्य जीव एवं प्रकृति व पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों के अनेक बार आहुति दी है। वृक्षों की रक्षा के लिए स्त्री-पुरूष और यहां तक कि नन्हें बच्चे और बच्चियों ने भी अपने प्राण त्याग दिए थे। जोधपुर से 22 किलोमीटर दूर स्थित खेजड़ली ग्राम में विक्रम सम्वत 1787 को बिश्नोई समाज के 363 पुरूष, महिलाओं व बच्चों ने पेड़ों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। धर्म व पर्यावरण के प्रति दृढ़ता के अनुकरणीय उदाहण बिश्नोई समाज में मिलते हैं। कुलदीप बिश्नोई ने समाज के लोगों को आह्वान किया कि हमारा गौरवशाली इतिहास हमें सिखाता है कि जीव व पर्यावरण रक्षा करना हर बिश्नोई का नैतिक धर्म है। गुरू महाराज के नियमों को अपने जीवन में ढालकर हम हर समस्या से निजात पा सकते हैं। सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए हमें संतों की बताई बातें अपने जीवन में ढालनी चाहिए।

कुलदीप बिश्नोई ने लोगों को गुरू जाम्भो जी महाराज के आदर्शों पर चलते हुए पर्यावरण व जीव रक्षा की दिशा में और ज्यादा काम करने का आह्वान किया और कहा कि सभी ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर पर्यावरण को बचाएं। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि समाज को एकजुट होकर समाजसेवा की दिशा में आगे बढऩा होगा। जननायक चौ. भजनलाल ने ताउम्र गुरू जम्भेश्वर महाराज के आदर्शों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। अपना पूरा जीवन उन्होंने जनसेवा में लगा दिया। उन्हीं की नीतियों पर चलते हुए वे सदैव ईमानदारी से जनसेवा के कार्यों में अपना योगदान देने का प्रयास करते रहेंगे। कुलदीप बिश्नोई उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने बच्चों को समाज के गौरवशाली इतिहास के बारे में बताएं तथा वन्य जीव, पर्यावरण की रक्षा के लिए जागरूक करें। गुरू महाराज के बताए 29 नियमों में जीवन का पूरा सार है और इन 29नियमों को अपने जीवन में अपनाकर हम अपनी समस्याओं और विकारों को दूर कर सकते हैं और गुरू जंभेश्वर महाराज के 29 नियमों का प्रचार, प्रसार करके लोगों के बीच नियमों का पालन करने से हम सभी समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।

समारोह को संबोधित करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विजय बिश्नोई ने कहा कि हमारे समाज का इतिहास गौरवशाली है। बच्चों को इसके बारे में बताएं और शिक्षाओं से आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि हमें किसी समाज की बराबरी नहीं करनी है बल्कि दूसरे समाज के सामने उदाहरण बनना है कि वो भी हम जैसा ही बनना चाहे।

पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह ने कहा कि गुरू जम्भेश्वर की शिक्षाएं ही संपूर्ण जीवन का सार है। यदि ये शिक्षाएं अपना ली जाएं तो समाज का भला निश्चित है। उन्होंने बिश्नोई समाज के लोगों से आह्वान किया कि सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे के साथ-साथ बेटे बचाओ अभियान पर ध्यान देना होगा ताकि हमारे बेटे गलत संगत में न पड़ें। बेटियां तो इस योग्य है कि वे खुद बच लेंगी और बेटों से आगे बढ़कर काम करेंगी लेकिन बेटों को गलत संगत व बुरी आदतों से बचाना होगा। जोधपुर के पूर्व सांसद जसवंत बिश्नोई एवं यूपी के कानपुर से पूर्व विधायक सलिल बिश्नोई ने समाज के लोगों से गुरू महाराज की शिक्षाओं पर अमल करने का आह्वान किया।

इस दौरान संत स्वामी रामानंद, स्वामी सोमगिरी, भगवान दास जाम्भा, महंत कृष्णानंद, पूर्व सांसद पं. रामजीलाल, पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह, पूर्व सीपीएस दुड़ाराम, बिश्नोई सभा हिसार के प्रधान प्रदीप बैनीवाल, सचिव डा. सुरेन्द्र खिचड़, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के हिसार शाखा के प्रधान सहदेव कालीराणा, सचिव अनिल भांभू, विनोद धारणिया, राजाराम धारणिया, सुभाष देहडू, हुनमान, अजीत राम, मधु बिश्नोई, बुलसिंह बैनीवाल, अजमेर गोदारा, सुभाष गोदारा, हंसराज ज्याणी, रणधीर सिंह पनिहार, सूबे सिंह आर्य, मदनलाल खिचड़, निहाल सिंह गोदारा, ओमप्रकाश ज्याणी, रामस्वरूप बैनीवाल आदि उपस्थित थे।

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