हिसार,
हरियाणा रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने मुख्यमंत्री द्वारा सदन में राडवेज यूनियनों के पदाधिकारियों द्वारा प्राइवेट नीति से कोई ऐतराज नहीं होने का शपथ दिखाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने स्पष्ट किया है कि किसी भी यूनियन ने ऐसा शपथ पत्र नहीं दिया है और यदि किसी ने दिया है तो वह यूनियन न तो हड़ताल में शामिल है और न ही विभाग व कर्मचारियों की हितैषी है।
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के वरिष्ठ सदस्य हरिनारायण शर्मा, दलबीर किरमारा, अनूप सहरावत, जयभगवान कादियान, बाबूलाल यादव व रमेश सैनी ने एक संयुक्त बयान में कहा कि 13 अप्रैल, 13 मई व 13 जून 2017 को परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार व मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव आरके खुल्लर के साथ बातचीत में प्राइवेट परिवहन स्कीम 2016-17 को रद्द करने उपरांत उपरोक्त 900 प्राइवेट बसों को डिपो महाप्रबंधकों द्वारा सुझाये गए ग्रामीण आंचल के 452 मार्गों पर चलवाने तथा भविष्य में यदि कोई स्कीम लाई जाएगी तो उसमें परिवहन के उच्चाधिकारी एवं यूनियनों के प्रतिनिधियों को शामिल किये जाने की बात पर सहमति बनी थी।
इसके बावजूद उपरोक्त समझौते को लागू न करके बिना किसी पॉलिसी के बहुत महंगे रेट पर निजी कंपनियों से 700 बसें हायर की जा रही है, जो विभाग के लिए भारी घाटे का सौदा है वहीं इसमें घोटाले की आशंका स्पष्ट नजर आ रही है और इसकी जांच करवाई जानी नितांत जरूरी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि कर्मचारियों पर एस्मा जैसे काले कानून, झूठे मुकदमे दर्ज करने एवं निलंबन जैसी तमाम उत्पीडऩ की कार्रवाइयों को तुरंत वापिस लें और रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी को बातचीत के लिए आमंत्रित किया जाए ताकि सारी सच्चाई सामने आ सके।
उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आंदोलन करना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है जिसे दमनकारी नीतियों से नहीं दबाया जा सकता। यदि सरकार ने बातचीत से समाधान नहीं किया तो 15 सितम्बर को कुरूक्षेत्र में प्रस्तावित राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में निर्णायक आंदोलन की घोषणा की जाएगी, जिसकी जिम्मेवारी सरकार एवं परिवहन विभाग की होगी।