हिसार,
सेक्टर 16-17 एवं 13 पार्ट-2 रेजीडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन के प्रधान जितेन्द्र श्योराण ने किसानों को अवार्ड देने के नाम पर हुडा अधिकारियों द्वारा किये घोटाले पर अदालत द्वारा इन अधिकारियों पर केस दर्ज करने के आदेश देने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि केवल अवार्ड देने के नाम पर ही नहीं बल्कि इन्हासमेंट लगाने के नाम पर भी हुडा अधिकारियों ने बड़ा घोटाला कर रखा है और यही कारण है कि ये अधिकारी सरकार को गुमराह करके दोबारा गणना करवाने से बच रहे हैं।
एक बयान में जितेन्द्र श्योराण ने कहा कि सेक्टर 1-4 व सेक्टर 3-5 की जमीनों का अवार्ड देने के नाम पर हुडा अधिकारियों फर्जी खाते खुलवाकर बड़े पैमाने पर घोटाले किये हैं। जींद जिले का किसान सतपाल सिंह जब अदालत की शरण में गया तो उनके घोटाले का खुलासा हुआ कि किस प्रकार हुडा अधिकारियों ने फर्जी खाते खुलवाकर किसानों के पैसे उनमें डाल दिये और फिर खुद या अपने चहेतों को लाभ दे दिया। अदालत ने जब इस मामले की जांच करवाई और हुडा के खाते अटैच करने का आदेश दिया तो अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसानों की राशि उनके खाते में भेज दी है, जबकि किसान का कहना था कि जिस खाते में राशि डाली गई है, वह उसका है ही नहीं और न ही उसने ये खाता कभी खुलवाया है। उन्होंने कहा कि हुडा अधिकारी अपने फायदे के लिए इस तरह का खेल लंबे समय से खेलते रहे हैं और अब भी जारी है।
जितेन्द्र श्योराण ने कहा कि इन्हासमेंट की गलत गणना करके सेक्टरवासियों पर बोझ डालने वाले हुडा के अधिकारियों की पोल सेक्टरवासी भी लंबे समय से खोल रहे हैं लेकिन सरकार इन अधिकारियों की कारस्तानी पर पर्दा डालते हुए उनका बचाव कर रही है। अब जब अदालत ने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिये हैं तो सेक्टरवासियों को भी न्याय की उम्मीद बंधी है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार एवं हुडा के उच्चाधिकारियों ने शीघ्र ही इन्हासमेंट की दोबारा गणना का फैसला नहीं लिया तो सेक्टरवासी बैठक बुलाकर आगामी आंदोलन की रणनीति पर विचार करेंगे और जरूरत हुई तो अदालत की शरण में भी जाएंगे क्योंकि अदालत द्वारा जांच करवाने से ही इन अधिकारियों की कारस्तानी सामने आ सकती है। उन्होंने सेक्टरवासियों को आश्वस्त किया कि एसोसिएशन उनके हकों के लिए हर तरह का संघर्ष करने को तैयार है और उन्हें उम्मीद है कि एक दिन सेक्टरवासियों को न्याय जरूर मिलेगा।