हिसार,
रोडवेज नेता दलबीर किरमारा और कुलदीप पाबड़ा को आज जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया। उनकी रिहाई पर कर्मचारियों ने जोरदार स्वागत किया। जेल से लेकर बस स्टैंड परिसर तक कई स्थानों पर अलग—अलग विभाग के कर्मचारियों ने उनका फुल मालाओं से स्वागत किया और आने वाले चुनाव में कर्मचारी विरोधी सरकार को सबक सिखाने के नारे लगाए।
जेल से रिहाई के समय काफी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे। जेल से बाहर आते ही दोनों नेताओं को फुल मालाओं से लाद दिया। इस दौरान दलबीर किरमारा ने कहा कि कर्मचारी हित के लिए एक सप्ताह तो क्या वे पूरी उम्र जेल में रहने को तैयार है। सरकार ने तानाशाही भरा रवैया अपनाते हुए 5 सितंबर को कर्मचारियों को जगह—जगह लाठीचार्ज किया और उन पर झूठे मामले दर्ज किए, उसका पूरा हिसाब समय आने पर कर्मचारी लेंगे। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि 720 बसें किसी किमत पर नहीं चलने दी जायेगी। सरकार को कच्चे कर्मचारी भी पक्के करने पड़ेगे। इसके लिए वे हर कुर्बानी देने को तैयार है। वहीं कुलदीप पाबड़ा ने कहा कि कर्मचारी हित के जेल जाना किसी तीर्थ से कम नहीं है। यदि आगे भी उन्हें जेल जाना पड़ता है तो वे इसके लिए तैयार है।
बाद में आंगनबाड़ी वर्कर, स्वास्थ्य कर्मचारी, रोडवेज कर्मचारी सहित अनेक जनसंगठनों ने जगह—जगह रोककर उनका स्वागत किया। बस स्टैंड परिसर में कर्मचारियों से कुशलक्षेम पूछने पहुंचे दलबीर किरमारा ने साफ किया कि एस्मा से कर्मचारियों को भयभीत होने की जरुरत नहीं है। सरकार ने अंग्रेजों के शासन काल का काला कानून लागू करके कर्मचारियों के हौंसले और अधिक बुलंद किए है। कर्मचारियों पर लगा एस्मा और एक—एक लाठी सरकार के लिए काफी घातक सिद्ध होगी। इतिहास गवाह है जिस भी सरकार ने कर्मचारियों के ज्यादती की है वह लौटकर दोबारा सत्ता में नहीं आई। इस दौरान काफी संख्या में कॉलेज विद्यार्थी भी दलबीर किरमारा के स्वागत में पहुंचे।