आदमपुर (अग्रवाल)
जिला प्रशासन के आदेश पर वीरवार को आदमपुर के नायब तहसीलदार ललित जाखड़ अपनी टीम सहित गांव सीसवाल में फ्यूचर मेकर के सी.एम.डी. राधेश्याम की कोठी पर पहुंचे। टीम ने शामिल कानूनगो व पटवारी ने जहां राधेश्याम की प्रोपर्टी का ब्यौरा लिया और ग्रामीणों को बताया कि राधेश्याम सुथार अपनी प्रोपर्टी को बेच नही सकता है।
नायब तहसीलदार ने फ्यूचर मेकर के सी.एम.डी. राधेश्याम के पिता व चाचा से प्रोपर्टी को लेकर जानकारी ली। इस दौरान राधेश्याम के पिता ने बताया कि वे तीन भाई है तथा उनकी 24 एकड़ पुश्तैनी जमीन है। इसी जमीन के किला नंबर-24 पर यह कोठी बनी हुई है। इस दौरान वहां मौजूद पड़ोसियों से भी संपत्ति बारे जानकारी ली गई।
नायब तहसीलदार ने बताया कि जिला प्रशासन के आदेश पर तहसील ने राधेश्याम की चल व अचल संपत्ति बेचने पर पाबंदी लगा दी है। बताया जाता है कि कंपनी से जुड़े लोगों के बारे भी प्रशासन ने जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। इसके तहत कंपनी के मोटीवेटर व एजेंटों के बारे में भी प्रशासन के आदेश पर पूछताछ की जा रही है।
कंपनी से रिवार्ड के रूप में मिले वाहनों के बारे में जांच पड़ताल की जा रही है। कार्रवाई के भय के चलते कुछ एजेंटों ने अपनी गाडिय़ों व कार्यालयों पर लिखे कंपनी के नाम व स्टीकर हटा दिए है। वहीं कार्रवाई के डर से कुछ अन्य चिटफंड कंपनियों के बड़े एजेंट भी भूमिगत हो गए है। कुल मिलाकर जहां पहले चिटफंड कंपनियों में पैसों लगाने वाले लोगों की भीड़ देखी जाती थी अब भीड़ तो क्या कंपनी संचालक व एजेंट भी नजर नही आ रहे है।