हिसार

विभिन्न डिपुओं में भेजी 510 निजी बसें, रोडवेज कर्मी करेंगे आंदोलन, 7 को होगा परिवहन मंत्री के कैंप कार्यालय का घेराव

हिसार,
परिवहन विभाग में प्राइवेट बसें हायर करने के खिलाफ रोडवेज कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे विरोध के बीच सरकार भी अपने खास चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए हठधर्मिता पर उतर आई है। इसी के चलते सोमवार देर सायं 22 डिपुओं में प्राइवेट फर्मों की 510 बसें अलॉट कर दी गई है।

सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हरियाणा रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दलबीर किरमारा, हरिनारायण शर्मा, अनूप सहरावत, जयभगवान कादियान, बाबूलाल यादव व रमेश सैनी ने संयुक्त बयान में बताया कि सबसे ज्यादा भिवानी में 68, झज्जर में 50, रोहतक में 48, सोनीपत में 42, गुरूग्राम में 40 तथा बाकी डिपुओं में 15 से 25 तक बसें अलॉट की गई है। उन्होंने कहा कि विभाग में परिचालकों की कमी के कारण विभिन्न डिपुओं में लगभग 500 बसें खड़ी है, जिन्हें स्टाफ पूरा करके चलवाया नहीं जा रहा, लेकिन कर्मचारियों व जनता को समझ नहीं आ रहा कि प्राइवेट फर्मों की 510 बसें हायर करने में सरकार की दिलचस्पी क्यों है। प्रदेश की जनता सब कुछ देख रही है और जनता यह भी अच्छी तरह से जान चुकी है कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का नारा देने वाली सरकार की असलियत क्या है।

रोडवेज नेताओं ने कहा कि विभिन्न डिपुओं में लगभग 500 बसें परिचालकों की कमी के कारण खड़ी है और यदि इन 510 प्राइवेट बसों को लगा दिया गया तो 500 सरकारी बसें और खड़ी हो जाएगी। इस प्रकार सरकारी बसें खड़ी हो जाने से परिवहन विभाग की व्यवस्था ही चरमरा जाएगी। एक सरकारी बस की औसत आय 23 से 24 रुपये प्रति किलोमीटर व खर्चा 20 से 21 रुपये प्रति किलोमीटर है जबकि प्राइवेट बसों को सरकार 36 से 42 रुपये प्रति किलोमीटर देने में लगी है, जो साबित करता है कि सरकार अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने में लगी है और एक साजिश के तहत परिवहन विभाग को निजीकरण की तरफ धकेलने में लगी है।

उन्होंने कहा कि 5 सितम्बर को रोडवेज कर्मचारियों की शांतिपूर्ण हड़ताल में एस्मा जैसे काले कानून लागू करने, पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज करने, गिरफ्तारियां करने, झूठे मुकदमे दर्ज करने, निलंबन व चार्जशीट आदि सरकार द्वारा अपनाई गई तमाम दमनकारी नीतियों को रौंदते हुए रोडवेज कर्मचारी अपना विरोध दर्ज करवाने में पूरी तरह से सफल रहे। उन्होंने कहा कि रोडवेज रूपी अपनी मां को बचाने लिए रोडवेज कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा।

इसी कड़ी में 24 सितम्बर से 3 अक्तूबर तक प्रदेशभर के डिपुओं में काले झंडों के साथ विरोध प्रदर्शन किये जाएंगे वहीं 7 अक्तूबर को पानीपत के मतलोढ़ा में परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार के विधानसभा क्षेत्र में उनके कैंप कार्यालय पर रोडवेज के हजारों कर्मचारी प्रदर्शन करके घेराव करेंगे। फिर भी सरकार नहीं चेती तो रोडवेज कर्मचारी सत्याग्रह आंदोलन शुरू करने को मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेवारी सरकार एवं विभाग के अधिकारियों की होगी।

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Jeewan Aadhar Editor Desk