हिसार

हरियाणवीं फैशन शो में फिर बजा हिसार का डंका, 16 जिलों के 176 कलाकारों ने दिखाया जलवा

हिसार,
शैक्षणिक नगरी बहल में बी.आर.सी.एम. शिक्षण समिति बहल के तत्वावधान में राह ग्रुप फाउंडेशन की ओर से जी.डी. सी. मैमोरियल कॉलेज बहल में आयोजित हरियाणवीं फैशन शो में एक बार फिर हिसार के मॉडलों ने ऑवर आल ट्राफी जीत ली, वहीं रोहतक की टीम को दूसरा, जींद व भिवानी की टीम ने संयुक्त रुप से तीसरा स्थान मिला। सभी विजेता प्रतिभागियों को बीआरसीएम ग्रुप के पदाधिकारियों व राह संस्था के चेयरमैन ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

यह जानकारी देते हुए राह ग्रुप के संस्कृति प्रभारी राजकुमार श्योराण व ईवेंट कॉडिनेटर कमल हांडा ने बताया कि बहल में आयोजित इस हरियाणवीं फैशन शो में हिसार, फतेहाबाद, जींद, भिवानी, गुरुग्राम, रोहतक, पंचकुला, सिरसा, सोनीपत, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़ सहित 16 सात जिलोंं के 176 कलाकारों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। संस्कृति सहजने की कड़ी में आयोजित लोकगीत, रागनी, भजन व दूसरे प्रकार के हरियाणवीं गायन के अलावा गेस्ट प्रफोश में प्रदीप बूरा, पुजा हुड्डा, नवीन नारु व लोकगायक नफेसिंह रोहिल्ला सहित करीब एक दर्जन से अधिक हरियाणवीं कलाकारों ने हरियाणवी रागनी, किस्से व सांग के माध्यम से हरियाणवी संस्कृति को मंच से एक बार फिर जिंदा कर दिया। इस प्रतियोगिता में स्कूली स्तर पर पहला व दूसरा स्थान भी हिसार को ही मिले। जिसमें एल.बी.एस. स्कूल बालसमंद की टीम ने पहला तो लक्ष्य पब्लिक स्कूल धान्सू ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।

120 मिनट में दिखा संस्कृति का हर पहलू
बी.आर.सी.एम. शिक्षण समिति बहल के तत्वावधान में राह ग्रुप फाउंडेशन की ओर से आयोजित हरियाणवीं फैशन शो में 176 प्रतिभागी रैंप पर उतरे। जिनमें से 52 प्रतिभागियों ने जहां पुरानी पुरानी संस्कृति की झलक को रैंप पर उतारा, वहीं 22 प्रतिभागियों ने खेल, शिक्षा के साथ हरियाणा की आधुनिक उपलब्धियों को दर्शाने का प्रयास किया, 32 ने संस्कृति झांकी दर्शन तो शेष प्रतिभागियों ने ग्रामीण दिनचर्या को अपने-अपने अंदाज में दर्शाने का प्रयास किया। करीब 120 मिनट तक चले इस फैशन शो में हरियाणवीं संस्कृति दर्शन में पुराने समय की शादी-विवाह व खेत में जाते किसान व पनघट पर पानी भरती पनिहारी को सभी ने सराहा तो दुल्हे की पुरानी वेशभूषा में उतरे युवक व उसके बारातियों ने अवार्ड के साथ-साथ दर्शकों का दिल भी जीत लिया। खेतों में हाली के लिए ज्वारा व खाणा लेकर जाने वाली महिला ने पुराने समय की यादें ताजा कर दी।इसी प्रकार खेतों में काम करने के बाद घर लौटते वाले किसान के तौर पर जब हिसार के मॉडल रैंप पर उतरे को वो दर्शकों की तालियों से उनकी जीत ओर पक्की हो गई। इसी प्रकार रंग बिरंगी चुनरी, घाघरा, दामण और चोली से सजी देसी मॉडलों ने भी अपनी अलग छाप छोड़ी।

जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी और नौकरी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

Related posts

बिमला राठी पुन: चुनी गई आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर्स यूनियन की जिला प्रधान

दहेज पर चोट : एक रुपया लेकर की बेटों की शादी

बहन से मिलकर आ रहे थे..स्मॉग ने निगल ली दो जान