नई दिल्ली,
अमेरिका की तरफ से दी जा रही प्रतिबंधों की धमकियों के बीच भारत ने शुक्रवार को रूस के साथ S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डील पर साइन कर लिए हैं। शुक्रवार को नई दिल्ली में साझा प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करने का ऐलान किया।
#WATCH PM Narendra Modi and Russian President Vladimir Putin deliver joint statement in Delhi https://t.co/61sdMVswkf
— ANI (@ANI) October 5, 2018
एस-400 डील के तहत भारत रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम के 5 सेट खरीदेगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय वार्ता के बाद नई दिल्ली में इस डील पर हस्ताक्षर किए गए। भारत और रूस के बीच कुल 8 समझौते हुए हैं। दोनों नेताओं के बीच शुक्रवार को ही हैदराबाद हाउस में डेलिगेशन लेवल की बातचीत हुई।
साझा वार्ता में PM मोदी ने क्या कहा
साझा प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम एक ऐसे देश के राष्ट्रपति के रूप में आपका स्वागत कर रहे हैं जिसके साथ हमारे अद्भुत संबंध हैं। पुतिन द्वारा सोची (SOCHI SUMMIT) में आयोजित सम्मेलन से दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत हुए।
PM मोदी ने कहा कि रूस के साथ अपने संबंधों को भारत सर्वोच्च प्राथमिकता देता है, तेजी से बदलती दुनिया में हमारे संबंध काफी अहम हैं। वैश्विक मामलों पर हमारे सहयोग को नए मकसद मिले हैं। PM बोले कि दोनों देशों के बीच नेचुरल रिसोर्स, HRD, सौर ऊर्जा, टेक्नोलॉजी, सागर से लेकर अंतरिक्ष तक आज कई अहम समझौते हुए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा में रूस हमेशा साथ रहा है, हमारा अगला लक्ष्य भारत के मिशन गगनयान को अंतरिक्ष में भेजना है इसमें रूस हमारी पूरी सहायता करेगा। पीएम ने कहा कि भारत और रूस तेजी से बदलते हुए विश्व में कई अहम रोल निभा सकते हैं। आतंकवाद के विरूद्ध संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, BRICS, आसियान जैसे संगठनों में दोनों देशों की अहम भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों की कोशिश है कि हम सीधे दोनों देशों के लोगों को साथ में लाएं।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बयान
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साझा प्रेस वार्ता में कहा कि आज दोनों देशों के बीच आपसी और वैश्विक हितों को ध्यान में रखते हुए बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि दोनों ही देश सुरक्षा-रक्षा-व्यापार के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। पुतिन ने ऐलान किया कि दोनों देशों ने लक्ष्य रखा है कि 2025 तक दोनों देशों के बीच में 30 बिलियन डॉलर तक व्यापारिक संबंध होंगे।
राष्ट्रपति पुतिन ने ब्लाडिवोस्टक फोरम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि गैस उत्पादन में भारत को उचित कीमत पर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रूस प्रतिबद्ध है। इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भारत में रूस की कंपनियां काम करने को तैयार हैं।
पुतिन ने ऐलान किया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की चिंताओं से रूस सहमत है। आतंकवाद विरोधी अभ्यास में दोनों देश एक दूसरे का सहयोग करेंगे। भारत के छात्रों के लिए रूस स्कॉलरशिप देगा जबकि रूसी सैलानियों की संख्या में बढ़ोतरी दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करेगी।
इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी भारत और रूस ने करार किए हैं। भारत और रूस के बीच एस-400 के अलावा अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भी समझौता हुआ। एक इंडियन मॉनिटरिंग स्टेशन साइबेरिया के पास रूस के नोवोसिबिर्क शहर में स्थापित किया जाएगा।
भारत और रूस के बीच होने वाली इस बातचीत पर पूरी दुनिया की नजर है।
अमेरिका की है टेढ़ी नज़र!
अमेरिका को भारत और रूस की यही दोस्ती रास नहीं आ रही। इधर पाकिस्तान की भी इस करार पर नजर है। पुतिन की भारत यात्रा से ठीक पहले अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों को रूस के साथ किसी तरह के महत्वपूर्ण खरीद-फरोख्त समझौते की दिशा में बढ़ने से आगाह किया और संकेत दिया है कि ऐसे मामले में वह प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर सकता है।
S-400 300 किलोमीटर की रेंज तक मार कर सकता है। यह ‘फायर एंड फॉरगेट’ की नीति पर काम करता है। S-400 जहां कई स्तर के डिफेंस सिस्टम पर काम करता है।
कितना खतरनाक है S-400 मिसाइल सिस्टम
– इस मिसाइल सिस्टम का पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ है जिसे नाटो देशों में SA-21 ग्रोलर के नाम से पुकारा जाता है। यह लंबी दूरी का जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है जिसे रूस ने बनाया है।
– S-400 का सबसे पहले साल 2007 में उपयोग हुआ था जो कि S-300 का अपडेटेड वर्जन है।
– साल 2015 से भारत-रूस में इस मिसाइल सिस्टम की डील को लेकर बात चल रही है। कई देश रूस से यह सिस्टम खरीदना चाहते हैं क्योंकि इसे अमेरिका के थाड (टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम से बेहतर माना जाता है।
– इस एक मिसाइल सिस्टम में कई सिस्टम एकसाथ लगे होने के कारण इसकी सामरिक क्षमता काफी मजबूत मानी जाती है। अलग-अलग काम करने वाले कई राडार, खुद निशाने को चिन्हित करने वाले एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, लॉन्चर, कमांड और कंट्रोल सेंटर एक साथ होने के कारण S-400 की दुनिया में काफी मांग है।