पानीपत हरियाणा

रोडवेज कर्मचारियों पर लाठीचार्ज, पानी की बौछारे छोड़ी—फिर बातचीत के लिए दिया न्यौता

पानीपत,
रोडवेज कर्मचारियों ने मांगों को लेकर तालमेल कमेटी के नेतृत्व में परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार के आवास का घेराव किया। इस दौरान पुलिस ने कर्मचारियों पर जमकर लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारे छोड़ी। इसके बाद भी कर्मचा​री मैदान में डटे रहे। बाद में कर्मचारी नेताओं के बीच एसडीएम ने आकर ज्ञापन लिया और इसके बाद उन्होंने 11 अक्टूबर को सीएम से बातचीत करने का न्यौता कर्मचारियों को दिया।

इससे पहले तालमेल कमेटी की जनसभा मतलौडा की अनाज मंडी में आयोजित हुई। इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने साफ किया कि सरकार ने यदि बल का प्रयोग करके आंदोलन को दबाने की कोशिश की तो इसका बड़ा खमियाजा सरकार को भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार 720 प्राइवेट बसों को हायर करती है तो रोडवेज की तालमेल कमेटी इसका पूर्ण रूप से विरोध करती रहेगी। पांच सितंबर को हुई हड़ताल में कर्मचारियों पर जो लाठीचार्ज हुआ व एस्मा जैसे काले कानून के तहत जो कार्रवाई सरकार ने की उसको तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए। रोडवेज का कर्मचारी इसे सहन नहीं करेगा। आज के घेराव के बाद भी सरकार नींद से नहीं जागी तो 16 से 17 अक्तूबर को रोडवेज का चक्का जाम किया जाएगा। फिर भी सरकार ने मांगों की और कोई ध्यान नहीं दिया तो बड़े आंदोलन घोषणा कर सकती है। इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा परिवहन विभाग में 675 करोड़ रुपये का घाटा बताए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। तालमेल कमेटी के सदस्यों ने बताया कि ऐसी बात कह कर मुख्यमंत्री ने विभाग को जनता में बदनाम करने का प्रयास कर रहे है, जबकि सच्चाई है कि विभिन्न श्रेणियों को दी जा रही निशुल्क यात्रा सुविधा की सब्सिडी को परिवहन विभाग में 621 करोड़ रुपये जमा न करा कर सरकारी विभाग को दिवालियापन के कगार पर धकेल रही है। समय-समय पर तालमेल कमेटी के नेताओं ने अधिकारियों के भ्रष्टाचार का उल्लेेख करते हुए कार्रवाई करने की मांग की, लेकिन सरकार ने आंखें मूंद रखी है।
तालमेल कमेटी के नेताओं ने कहा कि विद्यार्थियों, पुलिस कर्मियों, खिलाड़ियों, युद्ध विधवाओं, स्वतंत्रता सेनानी, 60 वर्ष से अधिक बुजुर्गों, रक्षाबंधन पर दो दिन महिलाओं व 15 साल तक के बच्चों की मुफ्त यात्रा की सुविधा परिवहन विभाग की बसों में दी जाती है जबकि आज डीजल की कीमतें तीन गुना बढ़ चुकी हैं। सरकार अपनी लोकप्रियता करने और चुनाव में वोट के चक्कर में किराये में बढ़ोतरी नही करती जिसका घाटा खुद वहन कर रहे हैं। सरकार रोडवेज के साथ भेदभाव कर घाटे के लिए स्वयं जिम्मेदार है। सरकार अपने चहेते को लाभ पहुंचाने के लिए निजी बसें कंपनियों से भारी भरकम रेट दर पर भुगतान करके रोडवेज विभाग को घाटे में धकेल कर बंद करना चाहती है जिसका कर्मचारियों में भारी रोष है।
रोडवेज नेताओं ने सरकार से विभाग में दस हजार नई बसें शामिल करके बेरोजगार युवकों को रोजगार देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे साठ हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। उन्होंने सरकार से कर्मचारियों का एस्मा लगाकर उत्पीड़न करना बंद करने और प्राइवेट बस हायर करने की स्कीम को रद्द करने की मांग की।

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