हिसार

रोडवेज के कर्मचारी सरकार को गोड्डे टेकने के लिए मजबूर कर देंगे: नैन

हिसार,
राज्य सरकार दमन के रास्ते पर चलकर व कर्मचारियों पर एस्मा जैसी कार्यवाही करके कर्मचारी आंदोलनों को नहीं रोक पाएगी। यह बात आज हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन के जिला प्रधान एवं रोडवेज तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता राजपाल नैन ने एक बयान जारी कर कही। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान आपसी बातचीत के माध्यम से ही हल हो सकता है।

कर्मचारी नेता ने जोर देकर कहा कि रोडवेज का कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जाना चाहता, यदि सरकार 16 व 17 अक्तूबर की हड़ताल की टालना चाहती है तो सरकार तालमेल कमेटी के नेताओं को बातचीत के बुलाए और मानी गई जायज मांगों को लागू करने के आदेश जारी करे। उन्होंने आगे कहा कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो रोडवेज का कर्मचारी हर हाल में हड़ताल पर जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले से ही रोडवेज को आवश्यक सेवा की श्रेणी मानकर हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों पर एस्मा जैसी कार्यवाही करने के आदेश जारी कर रखे हैं और हमें इस बात का भी पूरा अंदेशा है कि सरकार संविधान में दी गई विभिन्न धाराओं का दुरुपयोग करके हड़ताल से पहले ही कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार कर सकती है, परन्तु रोडवेज के कर्मचारी किसी भी तरह की कार्यवाही से डरने वाले नहीं हैं।

राजपाल नैन ने कहा कि सरकार बसों को चलाने के लिए अपनी तैयारी करे और रोडवेज की तालमेल कमेटी के बैनर के नीचे रोडवेज के कर्मचारी पूरे प्रदेश में रोडवेज के चक्का जाम की तैयारी में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि 16 व 17 अक्तूबर को हर हाल में रोडवेज के कर्मचारी सरकार को गोड्डे टेकने के लिए मजबूर कर देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब चार साल से राज कर रही बीजेपी की सरकार ने प्रदेश के कर्मचारी वर्ग को सिवाय झूठे आश्वासनो के कुछ भी नहीं दिया है प्रदेश सरकार, पूरे देश में हरियाणा की जीवन रेखा के रूप में विशेष पहचान बना चुकी हरियाणा रोडवेज की बसों को बन्द करके प्रदेश में प्राइवेट बसों का संचालन करके अपने चहेतों व पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है, जिसमें काफी हद तक विभागीय अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध दिखाई दे रही है।

जिला प्रधान ने कहा कि हरियाणा रोडवेज की बसें छात्र अपंग स्वतन्त्रता सेनानी खिलाड़ी कैंसर पीडि़त आदि प्रदेश के 42 वर्गो को मुफ्त व निशुल्क सेवा उपलब्ध करवाने के बाद भी कम ईधंन में ज्यादा बचत देना व सुरक्षा के हिसाब से पूरे देश में 79 परिवहन उपक्रमों में प्रथम स्थान पर है जिसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा भी राष्ट्रीय गौरव के तौर पर सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पूरे हरियाणा प्रदेश में लगभग 6700 गांव हैं और पूरे प्रदेश में रोडवेज बसों की संख्या 4200 के करीब हैं। इनमें से लगभग 500-600 बसें परिचालकों की कमी व स्पेयर पार्ट की कमी के कारण अलग-अलग वर्कशाप में खड़ी रहती हैं। बड़ी मुश्किल से साढ़े तीन हजार बसें ही सड़कों पर दौड़ पाती हैं जिससे प्रदेश की जनता को पर्याप्त परिवहन सुविधा नहीं मिल पाती है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार सही मायने में जनहित चाहती है तो सरकार निजी बसों को बढ़ावा देने की बजाय रोडवेज के बेड़े को बढ़ाए, जिससे आम जनता को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी और बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा।

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