हिसार

सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ चार दिन बढ़ी रोडवेज हड़ताल

हिसार,
परिवहन बेड़े में 720 निजी शामिल करके विभाग का निजीकरण करने पर उतारू राज्य सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने कड़ा निर्णय लेते हुए रोडवेज हड़ताल को चार दिन के लिए और बढ़ाने का ऐलान किया है। तालमेल कमेटी के अनुसार अब हड़ताल 29 अक्तूबर तक जारी रहेगी वहीं अब हड़ताल को खोलना या न खोलना सरकार के पाले में है क्योंकि सरकार केवल जनहितों को नजरअंदाज करते हुए राजनीतिक प्रभावशाली लोगों की निजी बसें परिवहन बेड़े में शामिल करने की जिद्द पर अड़ी है जो उचित नहीं है। तालमेल कमेटी ने हड़ताल में सहयोग देने पर कर्मचारी व जनसंगठनों, छात्र वर्ग व आम जनता का आभार व्यक्त करते हुए जनता को हो रही परेशानी के खेद जताते हुए इसके लिए सरकार को जिम्मेवार बताया है।
एक संयुक्त बयान में तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य दलबीर किरमारा, हरिनारायण शर्मा, इन्द्र सिंह बधाना, अनूप सहरावत, जयभगवान कादियान, सरबत सिंह पूनिया, पहल सिंह तंवर, ओमप्रकाश ग्रेवाल व रमेश सैनी ने कहा कि लगातार बढ़ रही हड़ताल के लिए सीधे रूप से सरकार जिम्मेवार है। रोडवेज कर्मचारी अपनी सभी मांगे छोड़ चुके हैं और केवल एक मांग रख रहे हैं कि विभाग के बेड़े में शामिल की जा रही 720 बसों को हटाया जाए लेकिन सरकार कह रही है कि अपनी और मांगे रखो, बसों को हटाने की मांग छोड़ दो। इससे सिद्ध होता है कि सरकार की मंशा क्या है। उन्होंने कहा कि तालमेल कमेटी ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, विभाग के एसीएस व परिवहन मंत्री के साथ अलग-अलग चरणों में हुई बातचीत में स्पष्ट रूप से कह दिया है कि कर्मचारी अपना दो साल का ओवरटाइम छोडऩे व हर साल एक माह का वेतन देने को तैयार है, बशर्ते सरकार इस राशि से परिवहन बेड़े में बसें शामिल करें लेकिन इस ऑफर पर भी सरकार का कोई रूझान नहीं है क्योंकि वह केवल विभाग को निगम में तब्दील करके जनता से सुविधा छीनना चाहती है। इस पूरे प्रकरण से यह भी सिद्ध हो गया है कि जिन बसों को चलाने के लिए सरकार ने पूरे प्रदेश के हर विभाग के कर्मचारी को हड़ताल करने पर विवश कर रखा है।
तालमेल कमेटी के नेताओं ने सरकार को चुनौती दी कि रोडवेज कर्मचारी अपना दो साल का ओवरटाइम व हर साल एक माह का वेतन देने को तैयार है, यदि सरकार जनहितैषी है तो उसके मंत्रियों, विधायकों व सांसदों को भी ऐसा ही फैसला लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को मुख्यमंत्री के लिए 44 करोड़ का विमान खरीदने की बजाय जनता की सुविधा के लिए रोडवेज बेड़े में साधारण बसें शामिल करनी चाहिए। रोडवेज नेताओं ने कहा कि प्रदेशभर के विभिन्न डिपुओं में लगभग 1150 बसें चालकों, परिचालकों, अन्य स्टाफ व रखरखाव के अभाव में खड़ी है। सरकार को चाहिए कि वह इन बसों को चलवाने का प्रबंध करें ताकि निजी बसों को शामिल करने की नौबत ही न आए। उन्होंने कहा कि अब भी समय है कि सरकार हठधर्मिता को त्यागकर निजी बसों को शामिल करने का विचार त्यागे और तालमेल कमेटी से बातचीत करके बातचीत से समस्या का समाधान निकाले।

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