फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
पराली समस्या को लेकर हरियाणा और पंजाब के किसानों की महापंचायत हुई। इसमें किसान नेताओं के द्वारा किसानों को निर्भय होकर पराली जलाने का पाठ पढ़ाया गया। किसान नेताओं ने कहा कि 50 से 100 की संख्या में किसान एकत्र हो और फिर एक साथ अपने खेतों में पराली को आग लगाए।
किसान संघर्ष समिति पंजाब के जनरल सेक्टरी कुलवंत सिंह ने कहा कि किसानों ने निर्णय लिया कि सरकार या तो खुद पराली को संभाल ले या किसान को 10 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दें अन्यथा किसान के पास पराली जलाने के सिवा कोई भी हल नहीं है। किसान नेता ने कहा कि 15 नवंबर तक किसानों को गेहूं की बिजाई करनी है और अगर समय रहते गेहूं की बिजाई नहीं हुई तो इसका असर सीधा गेहूं के उत्पादन पर पड़ेगा। इसलिए पराली जलाने के सिवा किसानों के पास कोई हल नहीं है।
उन्होंने कहा कि किसानों के द्वारा पराली को नष्ट करने के लिए कई तरीके अपनाए गए हैं, लेकिन कोई भी कारगर सिद्ध नहीं हुआ। किसान नेता ने कहा कि किसान को प्रदूषण के लिए बदनाम किया जा रहा है जबकि 92% प्रदूषण फैक्ट्रियों और अन्य इंडस्ट्री से आता है। किसान सिर्फ 8% प्रदूषण ही कर रहा है, वह भी उसकी मजबूरी है। पराली जलाने के बाद सरकार द्वारा जो मामले किसानों पर दर्ज किए जा रहे हैं, उसको लेकर किसान नेता ने कहा कि किसान मामलों से डरने वाला नहीं है। जेल में अच्छा खाना मिलता है, किसान जेल जाने के लिए तैयार है।