हिसार

रोडवेज हड़ताल : लंबी चली हड़ताल व विभागीय घाटे के लिए ठहराया सरकार व उच्चाधिकारियों को जिम्मेवार

हिसार,
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के आह्वान पर चल रही रोडवेज हड़ताल शनिवार सुबह समाप्त हो गई और सभी कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली। दो कर्मचारी रामसिंह बिश्नोई व कुलदीप पाबड़ा जेल से रिहा न होने के कारण अपनी ड्यूटी ज्वाइन नहीं कर पाए। तालमेल कमेटी ने कर्मचारियों, विभाग व आम जनता की समस्याएं समझने पर उच्च न्यायालय का आभार जताया और विश्वास व्यक्त किया कि 12 नवम्बर को होने वाली बातचीत सकारात्मक व विभाग हित में होगी।

उच्च न्यायालय द्वारा हड़ताल समाप्त करने के आदेशों के बाद लिये गए फैसले के तहत तालमेल कमेटी के आह्वान पर रोडवेज डिपो में गेट मीटिंग की गई। गेट मीटिंग में 18 दिन तक चली हड़ताल में सहयोग देने पर कर्मचारियों, कर्मचारी संगठनों, जन संगठनों, आम जनता, छात्र वर्ग व खाप पंचायतों का आभार जताया गया वहीं सरकार द्वारा कर्मचारियों एवं विभाग के प्रति अपनाए गए रवैये की कड़ी निंदा की गई। डिपो प्रधान राजपाल नैन, सतपाल डाबला, रमेश माल, कुलदीप मलिक, सुभाष ढिल्लो, पवन बूरा व बहादुर संडवा की अध्यक्षता में हुई गेट मीटिंग में कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कर्मचारी वर्ग उच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हुए काम पर लौट आया है। उन्हें उम्मीद है कि उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से समाप्त हुए गतिरोध के बाद आगामी दिनों में होने वाली वार्ता सकारात्मक रहेगी और सरकार सच्चाई को समझने का प्रयास करते हुए विभाग हित में फैसला लेगी। उन्होंने कर्मचारियों से अपील की कि वे अपनी ड्यूटी सही ढंग से करें और जनता से मधुर व्यवहार करते हुए विभाग हित में काम करें।

कर्मचारी नेता दलबीर किरमारा, रमेश सैनी, सूरजमल पाबड़ा व जयभगवान बड़ाला ने कहा कि जनता को परेशान करना या विभाग को नुकसान पहुंचाने का कर्मचारियों का कोई इरादा नहीं था लेकिन यह सब सरकार की हठधर्मिता के कारण हुआ। अपने चहेतों को मोटा फायदा पहुंचाने के प्रयासों के चलते सरकार रोडवेज विभाग का निजीकरण करके इसे बंद करना चाहती थी, जिसके विरोध में तालमेल कमेटी ने 16 व 17 अक्तूबर की हड़ताल का ऐलान किया। इस दौरान सरकार चाहती तो बातचीत से समस्या का समाधान हो जाता लेकिन सरकार व उच्चाधिकारियों के सिर पर विभाग को तबाह करने व अपने चहेतों को नवाजने का भूत सवार था, जिसके चलते तालमेल कमेटी को लगातार हड़ताल बढ़ानी पड़ी। लगातार 18 दिन तक चली हड़ताल व इस दौरान हुई जनता को परेशानी व विभागीय घाटे के लिए सीधे रूप से सरकार में बैठे नेता व विभाग के उच्चाधिकारी जिम्मेवार है, और उनसे इस घाटे की भरपाई करनी चाहिए।

गेट मीटिंग में उपरोक्त के अलावा मुख्य रूप से अरूण शर्मा, अजमेर सावंत, धर्मपाल बूरा, सुरेन्द्र मान, ओमप्रकाश, राजबीर दुहन, राजबीर पंघाल, भागीरथ शर्मा, राजबीर सिंधु, का. सुरेश, महेन्द्र माटा, सुभाष किरमारा, सुभाष ढिल्लो, दर्शन जांगड़ा, जोगेन्द्र लांबा, राजू बिश्नोई, विनोद सिंवर सहित अनेक पदाधिकारी, सदस्य व कर्मचारी उपस्थित थे। सभी ने उच्च न्यायालय के फैसले पर खुशी जताते हुए अपनी-अपनी ड्यूटी ज्वाइन की।

जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी और नौकरी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

Related posts

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारकर झोलाछाप डाक्टर के क्लीनिक किया सील

Jeewan Aadhar Editor Desk

भावांतर भरपाई के तहत फल व सब्जियों के पंजीकरण के लिए बढ़ी समय सीमा का लाभ उठाएं किसान

रेप पीड़िता के परिजनों ने पुलिस पर लगाए आरोप, IGआॅफिस के बाहर अनशन की चेतावनी

Jeewan Aadhar Editor Desk