फतेहाबाद

पराली : 30 नवम्बर तक ठीकरी पहरे को जारी रखने के दिये निर्देश

फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
जिला उपायुक्त डॉ. जेके आभीर ने धान व अन्य फसली अवशेष जलाने वालों के खिलाफ सघन अभियान चलाते हुए उनके चालान करने व कानूनी कार्रवाई करने के कड़े निर्देश जारी किए हैं। लघु सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में उपायुक्त ने कहा कि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना को हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कडी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने गांवों में लगाए जाने वाले ठीकरी पहरे को 30 नवंबर तक जारी रखने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव महोदय रविवार को फ़तेहाबाद और पड़ोसी जिलों में पराली प्रबन्धन व राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा करेंगे। इसलिए सभी सम्बंधित विभाग के अधिकारी बैठक के लिए अपडेट रहें। कृषि विकास अधिकारी, पटवारी तथा ग्राम सचिव की कमेटी गांव-गांव जाकर निरीक्षण करें और धान व अन्य फसली अवशेष जलाने वालों की अविलंब रिर्पोटिंग कर उन पर जुर्माना लगाएं। अभी तक 488 किसानों को नोटिस दिये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि आगामी आदेशों तक जिला में फसल के अवशेष एवं फाने जलाने पर धारा 144 लागू रहेगी। उपायुक्त ने कहा कि फसली अवशेष एवं फाने जलाना भारतीय दंड संहिता की धारा 188 सपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दंडनीय अपराध है। दोषी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का प्रावधान है।

डॉ.आभीर ने बताया कि वैज्ञानिकों के अनुसार खेतों में फसल की कटाई के बाद अवशेषों में आग लगाने से धरती के जीवांश तथा विभिन्न प्रकार के मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी नष्ट होती है। आसपास का वातावरण खराब होने से बिमारी फैलती है। सांस के मरीजो के लिए यह समस्या जानलेवा भी सिद्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि आग के धुंए के कारण विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाएं हो जाती है। उपायुक्त ने बताया की हरसेक द्वारा सैटेलाईट के माध्यम से जिला फतेहाबाद में फसल अवशेषों को आग लगाए जाने की घटनाओं की नियमित तौर पर निगरानी की जा रही है।

उन्होंने कहा कि किसान फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर विभिन्न यंत्रों को अपनाएं और इन यंत्रों पर सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ उठाएं। हैप्पी सीडर, लेजर लैंड लेवलर, रिवर्सिबल पलो, स्ट्रॉ रीपर, स्ट्रॉ बेलर, स्ट्रॉ चॉपर, ट्रैक्टर, कंबाइन हार्वेस्टर, हैड फीड कंबाइन हार्वेस्टर, रोटावेटर, मोबाइल ग्रेन ड्रायर व मोबाइल सीड प्रोसेसर आदि यंत्रो के इस्तेमाल से सिंचाई में प्रयोग होने वाले पानी की भी बचत होगी और फसल अवशेष प्रबंधन भी बेहतर होता है।

बैठक में एडीसी सतबीर जांगु, एसडीएम सरजीत नैन, देवीलाल सिहाग, डीडीपीओ अनुभव मेहता, डीआरओ बाल कृष्ण, डीडीए डॉ बलवंत सहारण सहित वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

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