भिवानी,
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष पूर्व कमांडेंट हवासिंह सांगवान एवं युवा प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट सत्यजीत पिलानियां ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि जाट समाज को हर हालात में आरक्षण मिलकर रहेगा। इसके लिए समय सीमा अभी बतलाना संभव नहीं है। लेकिन जाटों को निराश व निरूत्साहित होने की जरा भी आवश्यकता नहीं है। केंद्र सरकार ने अभी तक राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं की है, लेकिन आरक्षण के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है, जिसकी अध्यक्ष सुश्री जी. रूकमणी, पूर्व चीफ जस्टिस, दिल्ली होईकोर्ट को नियुक्त किया गया है। हमारे इस अधिकार के लिए पहली जंग तथ्यों पर आधारित तथा कागजी कार्रवाई होगी, जिसके लिए हमने अपने इस अधिकार के लिए अधिक से अधिक तथ्य जुटा लिए हैं और जल्द ही इनके आधार पर अपना ठोस दावा इसी निर्धारित कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करने वाले हैं। इसके बावजूद भी किसी कारणवश जाटों को आरक्षण नहीं मिलता है तो हम सुनियोजित तरीके से तैयारी करके आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। इसके लिए भी जाट समाज संघर्ष के लिए तैयार रहेगा और हमारा बेमियादी धरना लघु सचिवालय, जींद के सामने 7 मई, 2018 से चल रहा है तथा इसी विषय पर 18 दिसंबर को जाट समाज रैली का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें सभी जाट बढ़-चढक़र हिस्सा लेंगे। हमें यह भी ज्ञात हुआ है कि उत्तर भारत की दो जातियां ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर पिछड़ी नहीं मानी जा सकती हैं। इसलिए हो सकता है, उन्हें आरक्षण से बाहर कर दिया जाए।
सांगवान ने आगे बतलाया कि चौ० वीरेंद्र सिंह ने यशपाल मलिक को जो ईमानदारी का प्रमाण-पत्र दिया था, उसे हरियाणा के जाटों ने फाड़ दिया है और निकट भविष्य में यशपाल मलिक कीे हरियाणा से आदर सहित विदाई कर दी जाएगी। जाट समाज आगे के हालातों पर अपना जायजा लेता रहेगा।