आदमपुर (अग्रवाल)
जींद में 9 दिसंबर को होने वाले समस्त हरियाणा सम्मेलन को लेकर सांसद दुष्यंत चौटाला ने आमदपुर हलके में जनसंपर्क अभियान की शुरूआत बिश्नोई मंदिर में माथा टेक कर की। हलके का दौरा शुरू करने से पहले दुष्यंत चौटाला सदलपुर में बिश्नोई मंदिर में गए और वहां गुरू जंभेश्वर जी महाराज के मंदिर में थौक मारी, पाल ली और हवन यज्ञ में आहुति डाल कर गुरू महाराज का आशीर्वाद लिया। गांव में पहुंचने पर सांसद दुष्यंत चौटाला का सदलपुर ग्रामीणों, सरपंच चंद्रशेखर बिश्नोई, बिश्नोई मंदिर सभा की ओर से ओपी सिहाग ने स्वागत किया।
गांववासियों को संबोधित करते हुए सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा 9 दिसंबर को जींद की धरती से 32 वर्ष बाद एक नई सोच का आगाज होगा और ऐसे लोगों को मंच प्रदान करने जा रहा है जो प्रदेश की तरक्की में तथा नया व उन्नत हरियाणा बनाने की सोच और विचार रखते हैं। दुष्यंत ने कहा कि पार्टी के निष्कासन को उन्होंने अपने दादा का आशीर्वाद के रूप में स्वीकारा है। उन्होंने राजनीति में हुए ऐतिहासिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि चौधरी चरण सिंह ने 1973 में बागपत में चौ. देवीलाल को पार्टी से निकाल दिया था पर चौ. देवीलाल कभी रूके नहीं और उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा। इसी प्रकार 1990 में जननायक चौ. देवीलाल जी ने उनके दादा ओमप्रकाश चौटाला को भी पार्टी से निकाल दिया था पर चौटाला साहब भी कभी नहीं रूके और प्रदेश के लोगों के बीच रह कर उनके हकों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि मैं भी जननायक स्व. देवीलाल और चौ. ओमप्रकाश चौटाला का खून हूं, न तो मैं रूकने वाला और न ही थकने वाला। उन्होंने कहा कि जो नई शुरूआत जींद में करने जा रहे हैं उसके लिए मुझे जनता के सहयोग और प्यार और सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता घर-घर जाकर हर पार्टी के लोगों को जींद पहुंचने और उन्हें जोडऩे के लिए आंमत्रित करें।
युवा सांसद ने इनेलो से अपने पिता डा. अजय चौटाला के निष्कासन पर भी सवाल उठाए और कहा कि मेरे और दिग्विजय चौटाला पर हुड़दंग करने का आरोप लगा कर पार्टी से बाहर कर दिया पर डा. अजय चौटाला का क्या कसूर था, कोई यह तो जनता को बताए। दुष्यंत चौटाला ने आदमपुर व नलवा हलके के गांव बालसंमद, कालीरावण, आर्यनगर, चूली खुर्द, गंगवा, कैमरी, मंगाली, स्याहड़वा सहित एक दर्जन से अधिक गांवों का दौरा किया। उनके साथ विधायक अनूप धानक, राजेंद्र लितानी, शीला भ्याण, पूर्व विधायक चौ. रणसिंह बैनिवाल, रमेश गोदारा, पूर्व हलका प्रधान श्रवण बिश्नोई, होशियार सिंह सिंघरान, रमेश जाखोद, राजकुमार आर्य, कृष्णा भाटी, सजन लावट, मास्टर ताराचंद, मास्टर भीम सिंह, दलबीर धीरणवास, राजेंद्र चुटानी,धर्मसिंह घोसला, एडवोकेट,मनदीप बिश्नोई, वासुदेव शर्मा, ओमप्रकाश पुजारी, राजेश सरपंच मुकलान, ईश्वर कंडक्टर,हरिद्वारी जादूजा, ओमप्रकाश भादू, अभिषेक बिश्नोई,अमरदीप संभरवाल, सुरजीत ज्याणी, निर्मला रेढू, कृष्णा खर्ब, अंकित सिंघरान, बलवंत पहलवानटाडा, सुभाष सिगड़, राजकुमार जांगड़ा, रामप्रसाद गढ़वाल, अजमेर सलेमगढ़, दलबीप पंवार, सतपाल पालू, राजेंद्र पंवार। ज्याणी, भरत सिंह बैनिवाल, अनिल गोदारा, मनजीत बैनिवाल, मनजीत लौरा, अजय धीरवास सहित अन्य उपस्थित थे।