झुंझुनू,
लैंगिक भेदभाव के लिए बदनाम रहे झुंझुनू जिले में एक व्यक्ति ने बाकायदा बैनर टांग कर लडक़ों की शादी करवाने पर ही वोट देने का ऐलान किया है। ये बोर्ड सिंघाना कस्बे में चाय के दुकानदार ने लगा रखा है। इसमें लिखा हुआ है कि जो हमारे लडकों का रिश्ता करवाएगा वोट उसी को दिया जाएगा। दरअसल, झुंझुनू के हरियाणा से लगते इलाकों में लडकों की शादी नहीं होना बड़ी समस्या बनी हुई हैं। क्षेत्र में बेटियों की बड़ी कमी है। भ्रूण हत्या पूरे समाज के लिए बड़ा मुद्दा है। जिसके कारण चौधरी चाहते हैं कि इसके लिए सरकार को कोई खास कानून बनाना चाहिए। क्षेत्र में बहुत से गांव हैं जहां पर बड़ी संख्या में लडकों की शादियां नहीं हो पा रही हैं।
जिसके चलते सिंघाना के हरिदास मार्केट में मेहराणा गांव के निवासी नंदलाल चौधरी ने अपनी अजीब सी मांग नेताओं के सामने रखी है। नेता इसकों पूरा करने का वादा भी नहीं कर रहे हैं। नंदलाल ने अपनी दुकान पर यह बोर्ड लगा रखा है। बोर्ड पर लिखा रख है कि जो प्रत्याशी लडकों का रिश्ता करवाएगा, उसे हमारा वोट जाएगा। इस वजह से यह बोर्ड चुनावी मौहाल में पूरी तरह से आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
वैसे पूरे झुंझुनू जिले की ही स्थिति यही है, लेकिन खास तौर पर हरियाणा से लगते बुहाना, सिंघाना, खेतड़ी, पचेरी आदि क्षेत्रों के सैंकड़ों गांव में बेटों शादी एक बड़ी समस्या बन गई है। इन इलाकों में हर गांव में 30-40 बहुएं अन्य गांव की हैं। यहां के निवासियों को अपनी जाती, समाज में लड़कियां नहीं मिल रही हैं। इसलिए ज्यादा तर महाराष्ट्र, बंगाल, बिहार से खरीदकर लड़किया लाई जा रही हैं और शादी की जा रही है।
साल 2011 की जनगणना में राजस्थान के 33 जिलों में सबसे खराब स्थिति झुंझुनू जिले की थी। यहां पर 2011 में जहां 1000 लडकों पर मात्र 837 लड़कियां थी। इसके चलते अब शादी के योग्य हुए लडकों को वैवाहिक रिश्ते के लिए बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, बाद में धीरे-धीरे लैंगिक अनुपात में सुधार जरूर हुआ है। 2014 में यह आंकड़ा 880:1000, 2015 में 901:1000, 2016 में 933:1000 और 2017 में 955:1000 दर्ज किया गया। ऐसे में वर्तमान में अब यह संख्या 1000 लडकों पर 955 लड़कियों की हो गई है।