जयपुर,
राजस्थान विधानसभा चुनाव में व्यापक पैमाने पर धरपकड़ के आंकड़े बताते हैं कि चुनाव में धनबल के उपयोग में कमी आने के बजाय इजाफा हुआ है। प्रदेश में 6 अक्टूबर को आदर्श आचार संहिता लगने के बाद 14 करोड रुपये नगद बरामद किये गए। कुल 66.31 करोड़ रुपये जब्त किए गए। गत विधानसभा चुनाव में करीब 47 करोड रुपये जब्त किए गए थे।
चुनाव आयोग के तमाम इंतजामों के बावजूद भी चुनाव में धनबल का जमकर इस्तेमाल हुआ है। चुनाव के दौरान अवैध रकम, शराब, मादक द्रव्य और कीमती जेवरात की धरपकड़ संबंधी आयोग के आंकड़े दर्शाते हैं कि राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद ब्लैकमनी खपाई गई। आइए, आपको आंकड़ो के जरिये बताते हैं कि निर्वाचन विभाग के उड़न दस्तों समेत पुलिस और आयकर विभाग की टीमों ने क्या – क्या बरामद किए—
नकद- 14.93 करोड़ रुपए।
शराब- 3.96 लाख लीटर अवैध शराब (अनुमानित मूल्य 25.11 करोड रुपये)
ड्रग- 7.48 करोड़ मूल्य की ड्रग।
सोना- 17 किलो।
चांदी- 601.13 किलो।
वाहन- 260 (मूल्य करीब 11.89 करोड़ रुपये)
वाहन चेकिंग से पेनल्टी- 16.8 करोड़ रुपये।
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने सघन छापेमारी की। इस दौरान 4303 अवैध हथियार और 370 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की गई। इसके अलावा 1.60 लाख हथियार जब्त किए गए। साफ है कि वोटरों को लुभाने के लिए चुनाव में धनबल के बढ़ते उपयोग पर अंकुश नहीं लग पाया है।
धनबल का असर
इससे पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत की उस आशंका को बल मिलता है, जिसमे उन्होंने जिसमें चुनाव पर काले धन पर नकेल कसने के सरकारी इरादों पर सवाल खड़े किए थे। निर्वाचन विभाग के ओएसडी हरिशंकर गोयल का कहना है कि इस बार विभाग की फ्लाइंग टीमों ने शांतिपूर्ण निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिये प्रदेश भर में कार्रवाई की। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में तीन-तीन फ्लाइंग टीमों ने काम किया। पुलिस और आयकर विभाग की टीमों ने अलग-अलग काम को अंजाम दिया।
गोयल के मुताबिक गत विधानसभा चुनाव में करीब 47 करोड़ रुपये की जब्ती की गई थी। पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार विभिन्न प्रकार की 19 करोड़ ज्यादा जब्ती ज्यादा की गई हैं।