हिसार,
राज्यसभा सांसद डा. सुभाष चन्दा के एक झटके के साथ ही नगर निगम चुनाव में कमल मुरझाने लगा है। अभी भाजपा प्रत्याशी अपनी पार्टी के रूठों को मना भी नहीं पाये थे कि डा. चन्द्रा ने बैनर से अपनी फोटो व नाम हटाने का आदेश देकर उन्हें एक और झटका दे डाला। झटके के बाद भाजपा प्रत्याशी का धड़ा डेमेज कंट्रोल के प्रयास में जुट गया है।
जी हां, हिसार नगर निगम चुनाव में मेयर पद के प्रत्याशी गौतम सरदाना टिकट घोषित होने के बाद भाजपा के बड़े नेताओं की फोटो अपने बैनरों पर लगाकर प्रचार अभियान चला रहे थे। राज्यसभा सांसद डा. सुभाष चन्द्रा का फोटो भी उन्होंने लगाया हुआ था। बिना बातचीत किये व बिना अनुमति फोटो लगाने से डा. साहब गुस्सा गये और उन्होंने पत्र लिखकर अपना नाम व फोटो हटाने के आदेश दे डाले। साथ ही यह चेतावनी भी दी कि यदि उनका नाम व फोटो इस्तेमाल किया गया तो वे इसकी शिकायत कर देंगे। सूत्र बताते भाजपा के कुछ भाजपा नेताओं की सलाह पर गौतम सरदाना ने एक सोची समझी रणनीति के तहत डा. चन्द्रा का फोटो लगाया था ताकि उनका समर्थन दर्शाया जा सके लेकिन उनको अपना यह दांव बिल्कुल उल्टा पड़ गया। डा. चन्द्रा के निर्देश भाजपा प्रत्याशी के लिए बहुत बड़ा झटका साबित हुए, जिसे भाजपा प्रत्याशी अभी तक कंट्रोल नहीं कर पाए हैं। डा. चन्द्रा के निर्देशों के बाद कुछ ऐसे लोग भी सरदाना के चुनाव प्रचार से हटने लगे हैं जो यह समझ रहे थे कि शायद सुभाष चन्द्रा भी गौतम सरदाना के साथ हैं।
बताया जा रहा है कि डा. सुभाष चन्द्रा के निर्देशों के बाद होने वाले नुकसान बारे गौतम सरदाना ने स्थानीय भाजपा नेताओं से भी विचार-विमर्श किया लेकिन वे कोई हल नहीं बता पाए। उनका यही कहना था कि यदि चन्द्रा सहमत नहीं है तो वे क्या कर सकते हैं। गौतम सरदाना ने यह बात भी भाजपा नेताओं के समक्ष रखी बताते हैं कि चन्द्रा का समर्थन जरूरी है, अन्यथा हालत पतली हो सकती है लेकिन भाजपा नेता मजबूर नजर आए। अब देखना है कि डा. चन्द्रा की नाराजगी व झटके के बाद मुरझा रहे कमल को किस तरह भाजपा नेता व गौतम सरदाना सही रख पाते हैं।
पुराने भाजपाई मन ही मन खुश
सांसद डा. चन्द्रा की चेतावनी के बाद गौतम सरदाना का धड़ा भले ही मायूस नजर आ रहा हो लेकिन पुराने भाजपाई खुश नजर आ रहे हैं। बातचीत के दौरान अनेक ने दबी जुबान में कहा कि हमें लांघकर आगे जाने वाले की हालत ऐसी ही होनी है। उन्होंने पार्टी के प्रति भी नाराजगी जताई और मात्र 20 दिन पहले पार्टी ज्वाइन करने वाले नेता को मेयर प्रत्याशी बनाए जाने के फैसले पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि किसी का नाम व फोटो बिना सहमति इस्तेमाल करना गलत व गैर कानूनी है।
हाईकमान ने ठेंगे पर रखे पुराने भाजपाई
मेयर पद प्रत्याशी बनाने में भाजपा हाईकमान ने पुराने भाजपाइयों को ठेंगे पर रखा, जिसका इन भाजपाइयों को आज भी मलाल है। हाईकमान ने इनकी हालत सांप-छछूंदर वाली कर दी। जो भाजपाई खुद मेयर की टिकट मांग रहे थे, उनमें से कइयों को पार्षद की टिकट थमा दी। ऐसे में उन्हें न चाहते हुए ही गौतम सरदाना की फोटो लगाकर अपने लिए व गौतम के लिए वोट मांगने पड़ रहे हैं। मेयर बनने का सपना चकचनाचूर होने के बाद अब ऐसे भाजपाई पार्षद पद के लिए दौड़धूप कर रहे हैं।