हिसार,
किसी नागरिक को बैंक खाते से उसका आधार नंबर लिंक करवाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने वाले अधिकारी-कर्मचारी पर 10 हजार रुपये जुर्माना व 3 से 10 साल तक की सजा हो सकती है। इसी प्रकार कोई भी बैंक किसी नागरिक को पैन कार्ड के अभाव में खाता खोलने से इनकार नहीं कर सकता है। सभी बैंक आरबीआई की गाइडलाइंस की अनुपालना करना सुनिश्चित करें।
यह निर्देश उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने जिला सभागार में विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा समिति एवं जिला सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बैंकों के माध्यम से संचालित की जाने वाली प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए सभी बैंकों को अपने लक्ष्य तय समय में पूरे करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने बताया कि कोई भी बैंक किसी नागरिक को आधार नंबर देने अथवा खाते को आधार से लिंक करवाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि आधार नंबर देने के लिए बाध्य करने पर कर्मचारी-अधिकारी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना तथा 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसलिए सभी बैंक माननीय न्यायालय व आरबीआई के आदेशों के अनुरूप ही कार्य करें।
उपायुक्त ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बैंकों द्वारा किए जाने वाले बीमे तथा मुआवजे के भुगतान कार्य की समीक्षा करते हुए बैंक प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि वे बीमा करते समय किसान की भूमि के खसरा-खतौनी नंबर का विवरण सही प्रकार से चढ़ाएं। उन्होंने कहा कि भूमि के प्रत्येक टुकड़े की एक यूनिक आईडी होती है और रिकॉर्ड मंे इसका सही नंबर चढ़ाना जरूरी होता है। पिछली बार प्रत्येक बैंक द्वारा इस कार्य में गलतियां की गई हैं, लेकिन भविष्य में इस कार्य में त्रुटि नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि बैंकों के कंप्यूटर ऑपरेटर्स को यह कार्य करने मंे दिक्कत आ रही है तो प्रशासन द्वारा उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
बैंकों को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूहों को अधिक से अधिक ऋण देने के निर्देश देते हुए उपायुक्त ने कहा कि पिछले दिनों ऋण के लिए दिए जाने वाले स्टांप ड्यूटी को बढ़ाया गया है लेकिन सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूहों को इससे छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि एनआरएलएम की गतिविधियों को बढ़ावा देना प्रशासन की प्राथमिकताओं में है और इस कार्य में बैंकों द्वारा की गई लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन तथा ग्रामीण आजीविका मिशन योजनाओं में एसबीआई द्वारा कम ऋण देने पर उपायुक्त ने एसबीआई की कार्यप्रणाली पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि एसबीआई लोन तो दे रहा है लेकिन गरीबों को नहीं दे रहा है। उन्होंने एसबीआई के अधिकारियों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की हिदायतें दीं।
एलडीएम बीके धींगड़ा ने बताया कि मुद्रा योजना के प्रति आमजन व युवाओं में जागरूकता बढ़ाने के लिए शहर में विभिन्न स्थानों पर होर्डिंग्स लगाए जाएंगे। यह कार्य अगले 3 सप्ताह में कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह कार्य सभी बैंकों के मध्य बांटकर किया जाएगा ताकि इस योजना का अधिक से अधिक प्रचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि बैंक फसल बीमा योजना के तहत खाते से पैसे काटने के बाद यदि किसी कारणवश केस को रिटर्न करते हैं तो 10-15 दिन के भीतर कर दें। यदि वे लंबे समय तक केस रिटर्न नहीं करते और फसल में नुकसान होता है तो मुआवजे का भुगतान बैंक को करना होगा। उपायुक्त ने ऐसा करने वाले बैंकों के खिलाफ कृषि विभाग को नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा।
उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने बैंकों से संबंधित सीएम विंडों पर आई शिकायतों के समाधान, बैंकों की रिकवरी की स्थिति, स्टैंड अप योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना तथा आरसेटी की तिमाही प्रगति रिपोर्ट की भी समीक्षा की और अधिकारियों को इनके क्रियान्वयन के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए। बैठक में विभिन्न बैंकों की अलग-अलग क्षेत्रों में प्राप्त की गई उपलब्धियों व एनुअल डीसीपी टार्गेट की भी समीक्षा की गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अमरजीत सिंह मान, एलडीएम बीके धींगड़ा, आरबीआई के एलडीओ एसएम जड़ेजा, नाबार्ड के डीडीए पवन कुमार, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. डीएस सिंधू, कृषि विशेषज्ञ प्रवीन मंडल सहित विभिन्न बैंकों व विभागों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
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