हिसार
वर्तमान युग में जब महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं तो ऐसे में शारीरिक समस्याओं के कारण वो पीछे नहीं रह सकती। आधुनिक चिकित्सा तकनीकों ने महिलाओं को जीवन में आगे बढ़ते रहने का मौका प्रदान किया है। इसी कड़ी में लैप्रोस्कापी सर्जरी महिलाओं को बेहतरीन इलाज का मौका दे रही है।
ये जानकारी मॉडल टाउन स्थित एनडी अस्पताल में कार्यरत्त महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञा व लैप्रोस्कापी सर्जन डा. मिनाक्षी गोयल ने अस्पताल में आयोजित लैप्रोस्कापी लाइव सर्जरी वर्कशॉप के मौके पर दी। उन्होंने इस लाइव सर्जरी वर्कशॉप में हिसार, फतेहाबाद व सिरसा से आए चिकित्सकों के साथ लैप्रोस्कापी सर्जरी तकनीक के अनुभव साझा किये और सर्जरी की बारीकियां समझाई। डा. मिनाक्षी के अनुसार वर्कशाप के आयोजन का मकसद इस आधुनिक चिकित्सा तकनीक के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरुक करना है। दूसरे चिकित्सकों को इस तकनीक का अनुभव होगा तब ही वो आगे अपने मरीजों को इसकी जानकारी दे पायेंगे और इस सर्जरी का प्रयोग कर पायेंगे।
डा. मिनाक्षी ने जिंदल अस्पताल की महिला एवं प्रसूरी रोग विभाग प्रमुख डा. शिल्पा खेतरपाल के साथ मिलकर लैपरोस्कॉपी अर्थात दूरबीन सर्जरी करके अन्य चिकित्सकों को इस सर्जरी की प्रक्रिया समझाई। इस लाइव वर्कशॉप में डा. विवेक गुप्ता, डा. रितु खुराना व डा. पूजा भ्याणा ने आये हुए गॉयनाकॉलिजिस्ट को दूरबीन सर्जरी के फायदों के बारे में बताया कि इस सर्जरी के बारे में फैले भ्रमों को दूर किया। निश्चेतन विशेषज्ञ डा. पंकज बंसल व डा. कुलभूषण ढांडा का वर्कशाप आयोजन में विशेष योगदान रहा। डा. मिनाक्षी ने बताया कि दूरबीन सर्जरी से महिलाओं की बीमारियों संबंधी सर्जरी में एक छोटा सा चीरा लगता है। ओपन सर्जरी से विपरीत सामान्य परिस्थितियों के अंदर इसमें अस्पताल से एक या दो दिन में छुट्टी दे दी जाती है। मरीज का इसमें कम रक्त बहता और और पेट पर ओपन सर्जरी जितने निशान भी नहीं रह जाते। महिलाएं दूरबीन सर्जरी के बाद 7-8 दिन में ही अपनी सामान्य दिनचर्या में लौट सकती हैं। इस सर्जरी में प्रभावी खर्च भी ओपन सर्जरी के मुकाबले कम रहता है। उनका मानना है कि दूरबीन सर्जरी के बारे में जनता के बीच अधिक से अधिक जागरुकता होनी चाहिए ताकि वो इस आधुनिक चिकित्सा तकनीक का फायदा उठा सकें। वर्कशॉप के बाद प्रतिभागी चिकित्सकों को सर्टिफिकेट भी प्रदान किये गये।