जींद हरियाणा

जींद उपचुनाव : जानें किसी पार्टी के पक्ष में हवा, किसके लिए कौन बन रहा है खतरा

जींद,
जींद उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला को मैदान में उतारकर सबको हैरान कर दिया था। उनके मैदान में आने के बाद जननायक जनता पार्टी ने दमदार युवा दिग्विजय सिंह चौटाला को मैदान में उतार दिया। इससे जींद उपचुनाव को लेकर मुकाबला काफी रोचक हो गया।
इस सीट पर पहले भाजपा की जीत एकतरफा समझी जा रही थी। लेकिन कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी ने भाजपा की उम्मीदों में टांग अड़ा दी। अब यहां पर सभी पार्टियों को रात—दिन एक करना होगा। जींद सीट पर जाट समुदाय के वोट सबसे अधिक है। लेकिन कांग्रेस, इनेलो और जेजेपी ने दमदार जाट चेहरों को मैदान में उतारकर जाट समुदाय के वोटों को तीन फाड़ कर दिया है। ऐसे में यहां जीत का सेहरा सीधे—सीधे दलित वोट बैंक के हाथ में चला गया है। दलित वोट बैंक जिस तरफ रुख करेगा वहां पर जीत होनी तय है।

वैसे आमतौर पर दलित वोट बैंक को कांग्रेस का माना जाता रहा है। इस बार इस वोटबैंक पर भाजपा और जेजेपी की भी पूरी नजर है। राजनीति गलियारों में रणदीप सुरजेवाला काफी बड़ा नाम है। वो कांग्रेस की तरफ से सीएम पद की दौड़ में भी शामिल है। इसका फायदा वे इस उपचुनाव में अवश्य उठाना चाहेंगे। राहुल गांधी का प्रत्याशी होने के कारण कांग्रेस के सभी प्रमुख नेता उनकी मदद के लिए जींद में रहेंगे। लेकिन स्थिती को भांपकर भाजपा ने कांग्रेस में फूट डालने वाले तीर छोड़ने भी शुरु कर दिए है। भाजपा नेताओं को अच्छी तरह से पता है कि कांग्रेस की एकजुटता किसी भी चुनाव मैदान को जीत सकती है। ऐसे में इनमें फूट डालकर ही मैदान को जीता जा सकता है।

इसी कड़ी में गुरुवार को सूबे के शिक्षामंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कहा कि ‘आपका कांटा तो निकल गया..’। उनके ये 5 शब्द काफी गहरे है। इन शब्दों के माध्यम से वे रणदीप सुरजेवाला समर्थकों को संदेश देना चाहते है कि उनके नेता को उपचुनाव में उतारने की चाल हुड्डा की है और वे उन्हें यहां हराने के लिए जोर लगा देंगे ताकि कांग्रेस में सीएम पद का एक दावेदार कम हो जाए। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ट्वीट किया है कि ‘हरियाणा में #कांग्रेस के भिन्न – भिन्न युद्धरत गुटों ने हवा में उड़ रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता #सुरजेवाला को चित करने के लिए जाल (Trap) में फंसाकर जींद उपचुनाव में कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया है।’ इससे साफ है कि भाजपा नेता पहले दौर में कांग्रेस की चुनौती को समाप्त करना चाहती है।

जननायक जनता दल के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह चौटाला के निशाने पर भी रणदीप सुरजेवाला ही है। वे उपचुनाव में सुरजेवाला को हराकर अपने दादा की हार का बदला लेना चाहते है। दिग्विजय सिंह चौटाला के मैदान में आने से युवाओं में काफी जोश देखने को मिल रहा है। युवाओं के दम पर मैदान जीतने की कोशिश में दिग्विजय सिंह चौटाला का जोश और उत्साह ग्रामीण क्षेत्रों में वोटरों को काफी लुभा रहा है। जींद विधानसभा में सदा से लोकदल का अपना वोटबैंक मौजूद रहा है। इस वोट बैंक में काफी हद तक दिग्विजय सिंह चौटाला अपने भाई और पिता की छवि के बल पर सेंध लगा चुके है। ऐसे में युवाओं और परम्परागत वोटों के बल पर दिग्विजय सिंह चौटाला जीत को सुनिश्चित करने के लिए मेहनत करने में जुटे है। दिग्विजय सिंह चौटाला के लिए सबसे अधिक रोड़े इनेलो ही बिछा रही है। इनेलो किसी भी सूरत में नहीं चाहती कि दिग्विजय सिंह चौटाला जींद के मैदान को जीतने में कामयाब हो पाए। इनेलो नेताओं को पता है कि यदि दिग्विजय सिंह चौटाला यहां से चुनाव जीत जाते है ​तो इसका सीधा असर उनकी पार्टी पर पड़ेगा। प्रदेशभर के पुराने नेता इनेलो के स्थान पर जननायक जनता पार्टी को अपनी पार्टी मानने लगेगे। ऐसे में यदि दिग्विजय सिंह चौटाला यहां हार जाते है तो नई पार्टी से जुड़े युवाओं का जोश ठंड़ा पड़ सकता है वे फिर से मूल पार्टी इनेलो में लौटकर आ सकते है। इस समीकरण से साफ है कि जननायक जनता पार्टी को कांग्रेस, भाजपा के अलावा इनेलो से जोरदार मुकाबला करना पड़ेगा।

इनेलो ने जींद उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरने वाले खाप नेता उमेद सिंह रेडू को अपना उम्मीदवार बनाया है। उमेद सिंह रेडू को जाट नेता के तौर पर पहचाना जाता है। इसका फायदा उन्हें इस चुनाव में भी मिलेगा। इनेलो के लिए यहां पर दलित वोटबैंक अवश्य परेशानी खड़ी कर सकते है। वहीं कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी के बड़े चेहरे मैदान में उतरने से भी इनेलो को नुकसान होता नजर आ रहा है। डा.अजय चौटाला, दुष्यंत चौटाला और नैना चौटाला की भावुक अपील भी इनेलो के वोटबैंक में सेंध लगाने का काम कर रही है। ऐसे में इनेलो प्रत्याशी के पक्ष में पूरी पार्टी को जोर लगाना पड़ेगा। इसमें कोई दो राय नहीं है कि उमेद सिंह रेडू जींद क्षेत्र के जाट समुदाय में अच्छी पकड़ रखते है लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सिंह सुरजेवाला भी जाट समुदाय में अपनी अलग पैठ रखते है। ऐसे में जाट मतदाताओं का 3 खेमों में बंटवारा होने का नुकसान इनेलो को उठाना पड़ सकता है।

भाजपा जाट मतदाताओं के साथ—साथ गैरजाट वोट बैंक पर नजर बनाए हुए है। जींद विधानसभा में बड़े स्तर पर जाट समुदाय के बीच प्रो.बिरेंद्र सिंह की अच्छी पकड़ है। ऐसे में भाजपा प्रो. बिरेंद्र सिंह और प्रेमलता के बल पर जाट वोटबैंक एक हिस्सा अपने पक्ष में लेने की तैयारी में है। भाजपा को पता है कि यदि ऐसा करने में वे कामयाब हो जाते है तो उनकी जीत तय है। गैर जाट मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा के पास लंबी टीम है। सतारुढ़ होने का फायदा भी भाजपा इस चुनाव में उठाना चाहती है। साथ ही कृष्ण मिढ्ढा अपने पिता की मौत की सहानुभूति भी वोटरों से पाना चाह रहे है। ऐसे में भाजपा इस मैदान में अपनी जीत का फार्मुला तैयार कर रही है लेकिन विपक्ष द्वारा दमदार चेहरे उतारे जाने के कारण यहां पर भाजपा नेताओं को सर्दी में भी पसीना आने लगा है। विपक्ष द्वारा सरकार की नाकामी गिनवाना भी भाजपा के लिए सिरदर्द बन सकता है।

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि जींद उपचुनाव में जिसप्रकार के समीकरण अब बने है वे साफ करते है कि नंबर एक,दो और तीन में केवल 1 से 2 हजार मतों का ही अंतर रहेगा। काफी नजदीकी रहने वाले इस मुकाबले को लेकर वोटों की गिनती का अंतिम परिणाम आने तक संशय बना रहेगा।

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