हिसार

एक ही पैन नम्बर दो व्यक्तियों के नाम किया जारी, आयकर विभाग की गलती पड़ रही है शिक्षक को भारी

हिसार,
देश के आयकर विभाग की लापरवाही खरड़ अलीपुर निवासी राकेश कुमार के लिए गले की फांस बनी हुई है। राकेश कुमार दिल्ली के शिक्षा विभाग में टीजीटी संस्कृत के रूप में कार्यरत है। दरअसल आयकर विभाग द्वारा राकेश कुमार को जारी किया गया पैन नंबर किसी दूसरे व्यक्ति के नाम भी जारी कर दिया। जब इस बात का पता स्वयं राकेश कुमार चला तो असमंजस की स्थिति में पड़ गया। उसने आयकर विभाग की सलाह अनुसार अपना पुराना पैन कार्ड हिसार आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त के कार्यालय में जमा करवा दिया। लेकिन कार्यालयों में बार बार चक्कर काटने में मेल से अनुस्मारक भेजने के बाद भी अभी तक राकेश को नया पैन कार्ड/पैन नम्बर जारी नहीं हो सका है। राकेश कुमार ने बताया कि फरवरी 2010 में पैन कार्ड बनवाया था। तब आयकर विभाग ने BAQPK1823E पैन नम्बर जारी किया था। इस पैन के तहत मै आयकर जमा कर आयकर रिटर्न भरता रहा। वित्त वर्ष 2012-13 की आयकर रिटर्न भरते समय पता चला कि किसी अन्य के द्वारा इसी पैन नम्बर से आयकर रिटर्न भरी जा चुकी है। वित्त वर्ष 2013-14 की आयकर रिटर्न भरते समय जन्म तिथि सम्बन्धी परेशानी के कारण राकेश ने पुनः आवेदन किया तब भी आयकर विभाग ने वही पैन नम्बर फिर से जारी कर दिया। इस प्रकार वित्त वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 में ओरिजिनल और रिवाईज आयकर रिटर्न भरी गई ।

2016 में विकास भवन दिल्ली में दी शिकायत

एक ही पैन नम्बर से किसी अन्य की रिटर्न भरने सम्बन्धी परेशानी के सम्बन्ध में 22 अगस्त 2016 को ऐओ वार्ड 56 (1), विकास भवन, आयकर विभाग दिल्ली में मुलाकात कर पावती संख्या 090230816005619 के माध्यम से लिखित सूचना दी। कोई भी कार्यवाही न होते देख दोबारा मिलने पर मौखिक रूप से बताया कि यह पैन केवल मुझे ही जारी किया गया है। जवाब से असन्तुष्ट राकेश ने स्वयं प्रयत्न कर इस पैन का प्रयोग करने वाले दूसरे व्यक्ति को ढूंढ कर, पत्र के माध्यम से लिखित सूचना 4 जनवरी 2017 को आयकर विभाग विकास भवन दिल्ली तथा आयकर पैन सेवा इकाई एनएस डीएल पुणे तथा डायरेक्टर इनकम टैक्स (सिस्टम) 4 को ई मेल से और सीपीग्राम्स भी सूचित किया ।
राकेश कुमार के तमाम प्रयासों के बावजूद 24 जनवरी 2017 को इस केस को यह लिखकर बंद कर दिया गया कि यह पैन दो व्यक्तियों को जारी किया गया है, लेकिन यह कहना कठिन होगा कि इन दोनों में से इस पैन से संबंध किसका है ?

एडीजे गाज़ियाबाद को भी दी लिखित सूचना
आखिर समस्या को लाइलाज होता देख राकेश ने 01 मार्च 2017 को एडीजे आयकर भवन सैक्टर 3 वैशाली, गाजियाबाद को लिखित सूचना दी। 29अगस्त, 2018 को ई मेल से आयकर विभाग पद्धति को तथा सूचित किया। इसी प्रकार 8 अक्तूबर 2018 को रिमाइन्डर भेजा। लेकिन 4 अप्रैल 2018 के अनुसार समाधान हो चूका था परन्तु सूचना प्रेषित नहीं की गई । मेल से प्राप्त पत्र के बाद शिक्षक राकेश कुमार ने अपने विद्यालय को टैक्स कटौती प्रस्तुत पैन से न करने का निवेदन किया और ऑरिजनल पैन आईटीओ हिसार को जमा करने के साथ-साथ नया पैन जारी करने के लिए पत्र लिखा। नया पैन जारी करने के लिए एनएसडीएल मुम्बई को लिखकर 29 अक्टूबर 2018 को डाक से भेजा गया।

चार बार भेजे रिमाइंडर,स्थिति वही ढाक के तीन पात
इतना ही नहीं 5, 7 नवम्बर 2018 तथा 2 व 8 जनवरी को रिमाईन्डर भी भेजा गया, पुनः सीपी ग्राम्स को लिखा गया है। लेकिन स्थिति वही ढाक के तीन पात बनी हुई है। इसके साथ साथ आयकर विभाग झन्डेवालान दिल्ली को आधार और पैन को हटाने के लिए पत्र दिया व बार बार रिमाईन्डर दिया जा रहा है। वहीं हाल ही में 2 जनवरी को विद्यालय ने पैन जमा करने के लिए कहा है, लेकिन आयकर विभाग की लापरवाही की वजह से शिक्षक राकेश की परेशानी कम होने की बजाए बढ़ती जा रही है।

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