जींद,
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने सरकार के खिलाफ फिर आंदोलन शुरू कर दिया है। तालमेल कमेटी ने ‘रोडवेज बचाओ, रोजगार बचाओ’ विषय पर 24 जनवरी को जींद में राज्यस्तरीय नागरिक सम्मेलन आयोजित करने का ऐलान किया है। कमेटी ने गांव की पंचायतों, चुने हुए प्रतिनिधियों, ट्रेड यूनियनों, कर्मचारी संगठनों, किसानों, मजदूरों, नौजवानों और छात्रों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया है।
सुभाष लांबा ने आरोप लगाया है कि परिवहन मंत्री ओवरटाइम के बारे में गलत बयानबाजी करके जनता को गुमराह कर रहे हैं। मंत्री कह रहे हैं कि विभाग ने एक महीने में 300 करोड रुपए ओवर टाइम के बचाए हैं। जबकि सच्चाई कुछ और है, एक वर्ष के ओवरटाइम का 130 करोड़ का बजट है। उन्होंने बताया कि करीब 33 लाख यात्री रोजाना यात्रा करते हैं। विभाग के पास 4 हजार बसें हैं जो करीब 13 लाख यात्रियों को परिवहन सेवाएं दे रही हैं। इनमें 1.93 लाख छात्र हैं। सरकार रोडवेज बेड़े में 14 हजार बसों को शामिल करके 84 हजार बेरोजगारों को रोजगार दे सकती है। लेकिन 1 हजार बसें प्रति वर्ष बेड़े में शामिल करने की बजाय 700 निजी बसों को किराए पर लेने पर आमादा है। अगर प्राइवेट बसें आएंगी, तो रोडवेज को प्रति वर्ष 11 लाख का नुकसान और प्राइवेट बस मालिकों को प्रति वर्ष करीब 13 लाख का मुनाफा होगा। डेढ़ वर्ष में बस की कीमत पूरी हो जाएगी और साढे 8 साल में प्राइवेट बस मालिक भारी मुनाफा कमाकर मालामाल हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में रोडवेज पूरी तरह से कंगाल हो जाएगा।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लांबा व प्रदेश प्रवक्ता इंद्र सिंह राणा ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से समाप्त हुई 18 दिन की हड़ताल के बाद सरकार के निर्देश पर परिवहन विभाग रोडवेज कर्मचारियों व यात्रियों के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार कर रहा है। स्टाफ पर्याप्त न होने के बावजूद भी ओवरटाइम बंद कर दिया गया है। इसके कारण सैकड़ों लंबे रूटों पर बस सेवाएं बंद कर दी गई है। इतना ही नहीं रात्रि ठहराव बंद कर दिए गए हैं। इसी कारण यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। बसें अड्डों पर खड़ी रहती हैं और यात्री सरकार को कोसते रहते हैं।