हिसार,
वरिष्ठ समाजसेवी गुलजार सिंह काहलों ने केन्द्र व प्रदेश सरकार तथा सेंसर बोर्ड से मांग की कि वे जातपात, नाम आधारित या अश्लील गानों को रिलीज करने पर कड़ाई से रोक लगाए। उन्होंने कहा कि इस तरह के गाने भाईचारे में दरार डाल रहे हैं और जनता में आपसी मतभेद बढ़ रहे हैं।
एक बयान में गुलजार सिंह काहलों ने कहा कि पिछले कुछ समय से ऐसे गानों का प्रचलन बढ़ा है जो समाज के भाईचारे के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि पहले तो सरकार के संरक्षण में हुई एक परीक्षा के दौरान ब्राह्मण समाज के बारे में एक प्रश्न पूछा गया, जिस पर बवाल बचा। सरकार के इस कदम पर ब्राह्मण समाज ने विरोध जताया तो सरकार ने जांच का ड्रामा करके मामले पर पर्दा डाल दिया। इसी तरह अब नया गाना आया है, जिसे ‘बहू काले कीÓ का नाम दिया गया है। यह गाना भी आपसी भाईचारा खराब करने वाला है क्योंकि प्रदेश के अधिकतर गावों में किसी न किसी का नाम गांव के हिसाब से काला बोला जाता है और कोई न कोई मनचला उसके घर की महिला से छेड़छाड़ के इरादे से गाने के बोल गुनगुनाने लगता है, जिससे तनाव बढऩे की नौबत आ जाती है।
गुलजार सिंह काहलों ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार तथा सेंसर बोर्ड को चाहिए कि वह कड़ाई से जातपात व नाम आधारित गानों के रिलीज होने पर रोक लगाए ताकि जनता का आपसी भाईचारा बनाये रखा जा सके। उन्होंने कहा कि यदि इस संबंध में शीघ्र ही कुछ नहीं किया गया तो समाजसेवियों, गणमान्य व्यक्तियों व संस्थाओं को साथ लेकर आंदोलन की रणनीति पर विचार किया जाएगा।