हिसार,
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा है कि व्यापारियों द्वारा वेटकर रिटर्न आबकारी एवं कराधान विभाग में जिला स्तर पर पूरे प्रदेश में जमा कराई थी। वह रिटर्न सरकारी अधिकारियों ने बिना जांच करें आनन-फानन में गलत कंप्यूटर में अपलोड कर दी, जिसकी व्यापारी व उद्योगपति द्वारा की गई खरीद व बिक्री मेल नहीं खा रही है।
एक बयान में बजरंग दास गर्ग ने कहा कि व्यापारी व उद्योगपति द्वारा रिटर्न खरीद व बिक्री के हिसाब से सही तरीके से भरा हुई है। मगर सरकारी अधिकारी 2015-16 के वेटकर एसेसमेंट की आड़ में अपने निजी स्वार्थ के लिए व्यापारी व उद्योगपतियों को नाजायज तंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2015-16 वर्ष की असेसमेंट का काम 31 मार्च 2019 को कंप्लीट करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का व्यापारी व उद्योगपति अपनी रिटर्न ठीक कराने के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, जबकि सारी गलती सरकारी अधिकारियों की है। उल्टा विभाग के अधिकारी व्यापारी व उद्योगपतियों से पैसे ऐंठने में लगे हुए हैं और सरकारी अधिकारी अपनी गलती ना मानकर व्यापारियों से अतिरिक्त टैक्स जमा कराने के आदेश जारी कर रहे हैं। व्यापारियों द्वारा तिमाही रिटर्न जमा करवा कर सारे संबंधित दस्तावेज रिटर्न के साथ विभाग में जमा करता है। उसके बावजूद भी सरकारी अधिकारियों की गलती के कारण खरीद व बिक्री का मिलान ना होना अधिकारी की लापरवाही का नतीजा है, जिसका खामियाजा व्यापारी व उद्योगपति पर ना लगा कर सरकारी अधिकारी को अपनी गलती का भुगतना चाहिए।
बजरंग गर्ग ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि वह वेटकर के पुराने केसों का निपटारा ठीक ढंग से करवाएं। सरकारी अधिकारियों की गलती का हर्जाना व्यापारियों पर ना लगा कर जिन अधिकारियों ने लापरवाही है उन के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए, ताकि व्यापारी व उद्योगपतियों दोहरी टैक्स की मार से बच सकें। उन्होंने कहा कि आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी पूरे प्रदेश में चैकिंग के नाम पर जगह-जगह गाडिय़ां रोककर पैसे ऐठने का काम कर रहे है। इस राज में सरकारी अधिकारी पैसे खाना तो अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते है और सरकार में इंस्पेक्टर राज पूरी से हावी है जिसके कारण व्यापारियों को व्यापार करने में बड़ी भारी दिक्कत आ रही है।