हिसार

छोटा..मगर सार्थक जीवन की गाथा छोड़ गए कुलश्रेष्ठ

हिसार,
9 अप्रैल 2018 को हिसार का दीप सदा के बुझ गया। आज भी उस दीप की रोशनी हिसार के आसमां में चमकती दिखाई देती है। जब भी हिसार का पत्रकार अपनी कलम उठाता है तो उसे अपने युवा साथी कुलश्रेष्ठ कक्कड़ की याद आती है। यहीं से कलम को धार मिलनी आरंभ होती है और हर शब्द में रोशनी बिखर जाती है। सकारात्मक सोच के धनी कुलश्रेष्ठ कक्कड़ ने कलम की ताकत को ईमानदारी के साथ समाज के उत्थान में प्रयोग किया। इसी के चलते हिसार नगर निगम ने उनके नाम से पुस्तकालय और चौक का नाम रखने का प्रस्ताव पारित किया। पूरे हरियाणा में ऐसा सम्मान किसी पत्रकार को पहली बार मिला है।
9 अप्रैल 2018..सोमवार अलसुबह युवा पत्रकार कुलश्रेष्ठ कक्कड़ अपने भाई दीपक कक्कड़ व दोस्त के साथ किसी काम के लिए बिकानेर के आईजी से मिलने के निकले थे। राजस्थान के चुरू जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 11 पर सुबह करीब साढ़े 9 बजे एक सड़क दुर्घटना में दोनों भाईयों की मौत हो गई। हिसार मीडिया में इसकी सूचना पहुंची तो किसी को यकीन तक नहीं हुआ। हर कोई इस सूचना को गलत..अफवाह..और झूठ समझ रहा था..लेकिन विधाता को कुछ अलग ही लेख लिख रखे थे। हिसार पत्रकारिता का एक अनमोल हीरा सदा के लिए प्रभु के श्रीचरणों में विलीन हो चुका था।
एक साल बीत जाने पर भी कुलश्रेष्ठ की यादें ताजा है। तब से लेकर आज तक कोई ऐसा दिन नहीं बीतता जब हिसार के पत्रकारसाथी उनको याद ना करे। नागरिक अस्पताल की कैंटिन..नगर निगम कार्यालय..लघुसचिवालय..क्रांतिमान पार्क..मुलतानी चौक..पारिजात चौक..फव्वारा चौक..से लेकर हिसार के कोने—कोने में उनकी यादें रोजाना पत्रकारों को अपनी तरफ रोजाना खींच लेती है।
हिसार पत्रकारिता परिवार उनकी प्रथम बरसी पर उनको श्रद्धा सुमन भेंट करते हुए ईश्वर से पूरे परिवार को दृढ़ शक्ति देने की प्रार्थना करते हुए कुलश्रेष्ठ जी के अमरत्व की कामना करता है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk