फतेहाबाद

मां की गोद से ज्यादा बच्चों को हो रहा फोन से प्यार

फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
आज सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण लोग डिप्रेशन में जा रहे हैं। आजकल बच्चों को मां की गोद से ज्यादा फोन से प्यार होता जा रहा है। यह कहना है फतेहाबाद में मानसिक रोगों को लेकर एक विशेष अभियान चलाने वाले डॉ. जिम्मी जिंदल का। उन्होंने कहा कि मानसिक रोग से बचने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा वह काम करना चाहिए जिसमें आपकी रुचि हो, कम से कम वह काम करें जिसमें आपको मुसीबत हो। ऐसे लोगों के साथ समय बिताए जिनके साथ समय बिताने में आपको खुशी मिलती हो। इससे आप धीरे-धीरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से दूरी बना सकते हैं।
डा. जिम्मी जिंदल ने कहा कि पूरी दुनिया में करोड़ों लोग मानसिक रोग के शिकार हो रहे हैं और इसका असर उनके साथ साथ उनके पूरे परिवार पर पड़ता है। देखा गया है कि हर चौथे इंसान को कभी न कभी मानसिक रोग होता है। मनोचिकित्सक डॉ. जिम्मी जिंदल का कहना है कि दुनियाभर में इस रोग की सबसे बड़ी वजह है निराशा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मानसिक रोग के शिकार बहुत से लोग इलाज कराने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि लोग उनके बारे में न जाने क्या सोचेंगे। जब एक व्यक्ति ठीक से सोच नहीं पाता और उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता तो ऐसी हालत को मानसिक रोग कहते हैं।
डॉ. जिम्मी जिंदल ने बताया कि ब्रिटेन में मई माह में मानसिक जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है। इस बार भारत में भी यह मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मानिसक रोग कई प्रकार के होते हैं जैसे तनाव, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, गुस्सा ये सभी इसी के अंतर्गत आते हैं।
डॉ. जिम्मी ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धा के युग में विद्यार्थियों में डिप्रेशन तेजी से बढ़ रहा है। यदि विद्यार्थियों को शुरू से ही किताबों के माध्यम से इस बारे जागरूक किया जाए तो इस समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में 15 से 30 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं द्वारा आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में यह आंकड़ा 40 प्रतिशत तक जा पहुंचा है जबकि विश्व में यह 10 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि मानसिक रोगों व डिप्रेशन को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन यह कदम नाकाफी है। उन्होंने कहा कि महिमा में इसको लेकर एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अंदर इस सप्ताह के दौरान में वह मानसिक रोगियों को जागरूक करेंगे।

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