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हिमालयन वियाग्रा को लेकर 2 गांवों में छिड़ा संघर्ष

पिथौरागढ़,
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में आने वाले मुनस्यारी और धारचुला के लोगों के बीच इन दिनों हिमालयन वियाग्रा को लेकर संघर्ष छिड़ा हुआ है। आलम यह है कि यहां गांवों में लोग हथियार लेकर एक दूसरे पर हमला करने पर उतारू हैं।
बताया जा रहा है कि बुई और पाटो गांव के लोगों के बीच हिमालयन वियाग्रा को लेकर विवाद है। दोनों गांव के लोग यह दावा करते हैं कि रालम और राजरामभा बुग्याल इलाकों में मिलने वाले कीड़ा जड़ी (वियाग्रा) पर उनका हक़ है। इस बात को लेकर दोनों में कई बार विवाद हो चुका है।
यहां तक कि प्रशासन ने कुछ दिन पहले गांव के लोगों को यह विवाद आपस में सुलझाने के लिए कहा था, लेकिन दोनों गांव के लोग एक दूसरे की जान के दुश्मन बन गए। आखिरकार प्रशासन को यहां धारा 145 लगानी पड़ी।
दरअसल, लोगों का कहना है कि रालम पहाड़ी इलाका वन पंचायत के अंदर आता है। लेकिन मुनस्यारी के लोग कीड़ा जड़ी बीनने के लिए रालम आते हैं। इससे उनका हक़ का कीड़ा जड़ी वो ले जाते हैं। गांव के लोगों ने मुनस्यारी के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट आरसी गौतम से इसकी शिकायत की है।
इस बारे में आरसी गौतम का कहना है कि हमने दोनों गांव के लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं माने। इसके बाद हमें धारा 145 लगानी पड़ी ताकि गांव के लोगों के बीच विवाद ना हो। मालूम हो कि हिमालय पर बर्फ पिघलने के बाद गर्मियों में पहाड़ों पर हिमालयन वियाग्रा मिलता है। वियाग्रा असल में भूरे रंग का कीड़ा है जो एक तरह का फफूंद है।
तिब्बत और पहाड़ी क्षेत्रों में इसे जाड़े का कीड़ा या कीड़ा जड़ी कहा जाता है। जबकि उत्तराखंड में कीड़ा जड़ी का असली नाम यारसागुंबा है।
पूरी दुनिया में इसकी तस्करी होती है और यौनशक्ति बढ़ाने वाली दवा बनाने वाली कंपनियां इसे ऊंचे दामों पर खरीदती है। इस कीड़ा जड़ी के लिए लोग लाखों रुपये अदा करते हैं। चीन में इसकी जबर्दस्त मांग है।
हिमालय के 3200 से 4000 मीटर की ऊंचाई पर पाई जाने वाली कीड़ा जड़ी की लंबाई सात से दस सेंटीमीटर तक होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, कीड़ा जड़ी में बिटामिन बी-12, मेनोटाल, कार्डिसेपिक अम्ल, इर्गोस्टाल, कार्डोसेपिन और डीपॉक्सीनोपिन भी होता है। जो यौन और शारीरिक शक्ति बढ़ाने में काम आता है।
बताया जाता है कि कीड़ा जड़ी पर नेपाल में कोई प्रतिबंध नहीं है। वहां दस प्रतिशत रॉयल्टी सरकारी खजाने में जमा करनी होती है। यह कारोबार इतना बड़ा है कि लोग यहां से कीड़ा जड़ी हेलीकॉप्टर से ले जाते हैं।

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