हिसार (राजेश्वर बैनीवाल)
हमारी हंसी का राज क्या है, ये तुम क्या जानो। यह पंक्तियां आजकल नगर निगम में सटीक बैठ रही है। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने में अभी कुछ घंटे शेष है लेकिन नगर निगम में पिछले 15 दिनों से खुशी का माहौल है। ऐसा नहीं है कि निगम के अधिकारी व कर्मचारी लोकसभा चुनाव को लेकर उत्सुक थे बल्कि उनकी खुशी का राज नगर निगम के बड़े साहब की पदोन्नति का है। सूत्रों की माने तो निगम के अधिकारी व कर्मचारी आजकल आपस में मिलते हैं तो बड़ी खुशी से बधाई देते हुए एक-दूसरे को दुआ सलाम कर रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि निगम अधिकारी व कर्मचारी बड़े साहब की पदोन्नति से उत्साहित हो बल्कि उनकी खुशी का सबसे बड़ा राज बड़े साहब का यहां से जाना बताया जा रहा है। बड़े साहब के पदोन्नत होकर यहां से जाने से जहां निगम के कुछ अधिकारी व कर्मचारी काफी खुश है, वहीं शहर की जनता को साहब का जाना अखर रहा है।
छोटी-छोटी शिकायतों पर लेते थे क्लास
सूत्रों की माने तो नगर निगम के कुछ कर्मचारी व अधिकारी बड़े साहब के जाने से इसलिए ज्यादा खुश है कि उन्हें लोगों की छोटी-छोटी शिकायतों का जवाब देना पड़ता था जिससे निगम के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों को काफी दिक्कत हो रही थी। आए दिन शहर में बनने वाली सड़कों के नियमानुसार सामग्री न लगाने आदि की शिकायतों पर बड़े साहब तुरंत संज्ञान लेते थे। पिछले दिनों शहर के कई क्षेत्रों से सड़के नियमानुसार न बनने की शिकायत जब सोशल मीडिया में वायरल हुई तो बड़े साहब ने निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की क्लास लेकर काफी लताड़ लगाई थी। सूत्र बताते हैं कि बड़े साहब ने यहां पद संभालते ही लोगों की सबसे ज्यादा दिक्कतों पर ध्यान देना शुरू कर दिया था। जैसे-जैसे साहब को निगम में काम करवाने के लिए आने वाले शहरवासियों की दिक्कतों का पता चला तो उन्होंने ऐसे कर्मचारियों व अधिकारियों पर ध्यान केन्द्रित कर लिया जो बेवजह जनता को परेशानी में डाल रहे थे। जैसे ही ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को कानों कान खबर लगी कि साहब पर उनकी टेढी नजर है तो उन्होंने एकाएक अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव लाना शुरू कर दिया था।
पहले वाले साहब की कर रहे हैं आने की दुआ
नगर निगम के बड़े साहब के पदोन्नत होकर जाने के बाद निगम के कुछ अधिकारी व कर्मचारी आजकल पहले वाले बड़े साहब के आने की दुआ कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार पहले वाले बड़े साहब के साथ निगम के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की खासी बनती थी। पहले वाले साहब की कार्यप्रणाली से भले ही शहर की जनता संतुष्ट न हो लेकिन निगम के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की साहब पहली पसंद थे। सूत्रों की माने तो निगम के कुछ अधिकारी व कर्मचारी पहले वाले बड़े साहब से इसलिए खुश थे कि उनकी कार्यप्रणाली पर कोई अंगूली नहीं उठती थी।
शहर की बड़ी बिल्डिंगों की रखते थे जानकारी
सूत्र बताते हैं कि नगर निगम के पहले वाले बड़े साहब के पास जब उनके विभाग से संबंधित ज्यादा शिकायतें आ जाती थी तो वे यह कहकर झलाहट निकालते थे कि मैं अकेला क्या-क्या करूं, मेरे अधीनस्थ अधिकारियों की तो कमी है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि विवादित शिकायतों को अपने अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों के पास भेजकर अपना पल्ला झाडऩे वाले पहले वाले बड़े साहब शहर में जगह-जगह बन रही बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों की अच्छी जानकारी रखते थे।
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