पानीपत हरियाणा

रोडवेज कर्मचारियों से एस्मा हटा, केस होंगे वापिस, हड़ताल को गिना जायेगा अवकाश में

पानीपत,
हरियाणा सरकार ने विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले रोडवेज कर्मचारियों की तीनों मांगें मान ली हैंं। हड़ताल के दौरान लगाया एस्मा हटाया जाएगा। आंदोलन के दौरान की अन्य कार्रवाई को वापस लेते हुए हड़ताल के दिनों को ड्यूटी में जोड़ा जाएगा। यूनियन ने परिवहन मंत्री के विस क्षेत्र इसराना में 22 सितंबर को किए जाने वाले सेमिनार टाल दिए हैं।
परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार और रोडवेज की संयुक्त तालमेल कमेटी के बीच रेस्ट हाउस में करीब दो घंटे तक बातचीत चली। यूनियनों के प्रतिनिधिमंडल में सर्व कर्मचारी संघ से इंद्र सिंह बधाना, महासचिव सरबत पूनिया, कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र धनखड़ और महासचिव पहल सिंह के अलावा हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष दलबीर सिंह किरमारा मौजूद रहे। बैठक में पानीपत ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा भी मौजूद रहे।
परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार ने बताया कि रोडवेज तालमेल कमेटी में चार यूनियनों के पदाधिकारी शामिल रहे। सभी मांगों को मान लिया गया है। रोडवेज यूनियनों ने 1 मार्च 2015 से लेकर 9 जनवरी 2019 तक छह बार हड़ताल की थी। सरकार ने एस्मा लगा दिया था। हड़ताल के दौरान गैरहाजिरी लगाने के साथ अन्य कार्रवाई की थी। परिवहन मंत्री ने बताया कि एस्मा खत्म करने के लिए मुख्य सचिव को लिखा जाएगा। इस अवधि को ड्यूटी में जोड़ा जाएगा।
यूनियन ने किलोमीटर स्कीम में शामिल की जाने वाली 710 बसों के टेंडर को वापस लेने की मांग रखी। परिवहन मंत्री ने बताया कि बस ऑपरेटर और यूनियन कोर्ट में चले गए थे। कोर्ट ने पॉलिसी रद करने का फैसला दिया था। बस ऑपरेटर निजी सुनवाई के लिए फिर से कोर्ट में चले गए। कोर्ट के फैसले को सरकार लागू करेगी।
यूनियन की तीसरी बड़ी मांग ड्राइवर, कंडक्टर और तकनीकी कर्मचारियों को मिलने वाली राजपत्रित छुट्टियां दूसरे राज्यों के बराबर करने की थी। नेताओं ने कहा कि 31 राजपत्रित छुट्टियों से ड्राइवर व कंडक्टर को तीन ही मिलती हैं। सरकार ने तकनीकी कर्मचारियों की छुट्टी घटाकर आठ कर दी। मंत्री ने बताया कि यह विधानसभा में प्रस्ताव मंजूर कराना है। तब तक ड्राइवरों को तीन और तकनीकी स्टाफ को 31 छुट्टियों की पुरानी पॉलिसी लागू रहेगी। कच्चे कर्मियों को पक्का करने की मांग पर परिवहन मंत्री ने बताया कि 1993 से अब तक लगे 8200 कर्मियों को पक्का कर दिया गया है। 1992 से 2004 के बीच के कर्मी अटके हैं। बैठक में सहमति बनी तो इन्हें पक्का किया जाएगा।

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