हिसार

ज्यादती हो तो महिलाएं डायल करेें 1091 या 181 नंबर

नुक्कड़ नाटक से भैणी अमीरपुर के ग्रामीणों को समझाया-बेटी नहीं बचाओगे तो बहू कहां से लाओगे

हिसार।
महिला बाल विकास विभाग व सूचना, जन-संपर्क विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आज गांव भैणी अमीरपुर में नुक्कड़ नाटक किया गया जिसमें ग्रामीणों को बेटियों के महत्व, महिला सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण व घरेलू हिंसा के संबंध में जागरूक किया गया। नाटक के दौरान महिलाओं को यह भी बताया गया कि यदि घर, बाहर कार्यस्थल या कहीं भी उनके साथ ज्यादती अथवा हिंसा होती है तो नि:संकोच 1091 या 181 नंबर डायल करें, उन्हें तुरंत मदद मिलेगी।
नाटक कलाकारों ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ व महिला सुरक्षा पर आधारित नाटक प्रस्तुत करते हुए बताया कि संतुलित समाज की स्थापना में महिला व पुरुषों की समान संख्या का होना बहुत आवश्यक है। यदि लड़कियों की जन्मदर लगातार कम होती गई और लडक़ों की संख्या बढ़ती गई तो असंतुलन बढ़ेगा जिससे महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी होती है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि हम लड़कियों के प्रति अपना नजरिया बदलें और उन्हें बचाने व पढ़ाने में अपनी भूमिका निभाएं। हम सबको यह समझना चाहिए कि यदि बेटी नहीं बचाएंगे तो बहू कहां से लाएंगे।
नाटक के माध्यम से यह भी बताया गया कि सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाने व उनके खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी लाने के लिए न केवल महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं बल्कि इस संंबंध में बनाए गए कानूनों को भी सख्ती से लागू किया जा रहा है। यदि कोई महिला घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ अथवा कार्यस्थल पर यौन शोषण का शिकार है तो वह बेहिचक 181 नंबर पर फोन करें। इस नंबर पर आने वाली सभी कॉल्स को सक्षम अधिकारी द्वारा सुना जाता है और कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारी के पास विवरण भेज दिया जाता है जिसके द्वारा महिला की अविलंब मदद की जाती है। बच्चों के प्रति अपराधों के लिए 1098 पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
कलाकारों ने बताया कि आजकल बेटियों के जन्म से लेकर उनके विवाह तक सरकार द्वारा हर प्रकार से मदद की जा रही है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 9 महत्वपूर्ण योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर अथवा सीडीपीओ से मिलकर इन योजनाओं की जानकारी व लाभ प्राप्त किया जा सकता है। कई योजनाओं में जहां लाभार्थी महिलाओं के खाते में धनराशि भेजी जाती है वहीं अन्य योजनाओं में बेटी के नाम से बैंक, डाकघर में खाता खुलवाकर अथवा एलआईसी में पैसा निवेश करके बेटियों की पढ़ाई व विवाह में सहायता की जाती है।
उल्लेखनीय है कि जिला के सभी 10 खंडों के उन 5-5 गांवों में लिंगानुपात, महिला सुरक्षा को बढ़ाने तथा घरेलू हिंसा पर रोक लगाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनके तहत ही कलाकारों द्वारा इन गांवों में नुक्कड़ नाटक करवाए जा रहे हैं। नुक्कड़ नाटकों को ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं ने बहुत दिलचस्पी से देखा और इनकी काफी सराहना की।

Related posts

आदमपुर गांव में विकास कार्य न होने से नायक समाज में रोष

कौशल ज्ञान देकर रोका जा सकता गांवों से पलायन : डॉ. संजेश सिंह

डीएसपी की अपील पर रोडवेज कर्मचारियों ने टाला चक्का जाम