हिसार

तालमेल कमेटी ने डिपो महाप्रबंधक को दिया 23 तक का अल्टीमेटम

कर्मचारियों की मांगों व समस्याओं का समाधान नहीं किया तो 24 जनवरी को होगा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव

चालकों-परिचालकों समेत अन्य कर्मचारियों को नाजायज तौर से दी जा रही चार्जशीट व अन्य समस्याओं को लेकर बैठक कर लिया निर्णय

हिसार।
चालकों व परिचालकों समेत अन्य कर्मचारियों को नाजायज तौर से दी जा रही चार्जशीट व अन्य समस्याओं को लेकर रोडवेज की तालमेल कमेटी की बैठक आज बस स्टैंड परिसर स्थित यूनियन कार्यालय में हुई। बैठक में तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य राजपाल नैन राम सिंह बिश्नोई, पवन बूरा, रमेश माल, राजकुमार चौहान, अरूण शर्मा, रणबीर सोरखी, रामफल कादयान, राजू बिश्नोई, राजबीर पेटवाड़ आदि मौजूद रहे।
बैठक में तालमेल कमेटी ने महाप्रबंधक द्वारा कर्मचारियों की मांगों व समस्याओं को लेकर दिखाए जा रहे उदासीन रवैये पर रोष जताया और अल्टीमेटम दिया कि यदि 23 जनवरी तक कर्मचारियों की मांगों का बातचीत के माध्यम से समाधान नहीं किया गया तो 24 जनवरी को प्रात: 9 बजे महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव किया जाएगा व प्रदर्शन किया जाएगा।
तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य राजपाल नैन, राम सिंह बिश्नोई, राजकुमार चौहान, रमेश माल, अरूण शर्मा व पवन बूरा ने बताया कि चालक व परिचालकों से 8 घण्टे की बजाय 11 से 12 घण्टे तक ड्यूटी ली जा रही है। उन्होंने बताया किमार्ग पर बस में सफर करने वाले छात्र, छात्राओं, पुलिस कर्मचारियों व अन्य रियायती बस पास पर यात्रा करने वालों की संख्या के ब्यौरा का फार्म भरने का आदेश बना परिचालक के लिए सिरदर्द बन गया है। तालमेल कमेटी ने कहा कि इस प्रकार के सर्वे आदेशों का कोई औचित्य ही नहीं है। इस तरह के आदेश केवल कर्मचारी को मानसिक तौर से परेशान करने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में सभी डिपूओ में प्रत्येक पास क्लर्क के पास किस मार्ग पर किस कैटेगरी के कितने पास बने हुए हैं का पूरा ब्यौरा कम्प्यूटर में दर्ज है इसलिए इस तरह के सर्वे की कोई आवश्यकता ही नहीं है।
तालमेल कमेटी नेताओं ने कहा कि रोडवेज प्रशासन बातचीत में समस्याओं को दूर करने पर बनी सहमति पर खरा नहीं उतर पाया है। उन्होंने बताया कि 3 अक्तूबर को कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर 17 सूत्रीय मांग पत्र महाप्रबंधक को दिया था। उस समय विधानसभा चुनावों का हवाला देकर महाप्रबंधक ने चुनावों के बाद सभी समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया था, चुनावों के बाद तालमेल कमेटी व महाप्रबंधक के बीच 3 बार समस्याओं के समाधान करने व नाजायज़ तौर से दी जा रही चार्जशीट पर बातचीत हुई। इस बातचीत के अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम दिखाई नहीं दिए हैं। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि बसें ओवरलोड होने के कारण बस में डीजल की खपत ज्यादा मात्रा में होने के कारण केएमपीएल कम आएगी, जिसकी रिकवरी की चार्जशीट चालक को थमा दी जाती है और नाजायज तौर से चालक के वेतन से पैसे काटे जा रहे हैं। इसी प्रकार पूरे प्रदेश में अगर बस पासों की संख्या की गिनती की जाए तो हिसार जिला में सबसे ज्यादा विधार्थी बस पास बने हुए हैं। सुबह और दोपहर बाद जो बसें गांव से आती हैं व वापस गांवों में जाती हैं उन सभी बसों में टिकट लेने वाली सवारियां नाममात्र ही होती हैं। ज्यादातर रियायती व निशुल्क यात्री ही पाए जाते हैं, जिस कारण मार्ग पर कम आय आती है। इसका सारा दोष परिचालक पर डाल दिया जाता है और उसको मार्ग पर कम आय लाने की चार्जशीट थमा दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि 2 जनवरी को हुई बातचीत में बैठक में तालमेल कमेटी को बताया गया था कि वर्कशाप में कार्यरत जिन कर्मचारियों का एसीपी लंबित था उन सभी को इसका लाभ दे दिया गया है। तालमेल कमेटी ने बताया कि चालक-परिचालकों के करीब 500 केस ऐसे हैं जिसमें विभागीय जांच पूरी हो चुकी है और डिपो में स्थाई महाप्रबंधक की नियुक्ति नहीं होने के कारण पिछले करीब दस महीनों से उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। महाप्रबंधक ने तालमेल कमेटी को आश्वस्त किया है कि जिन चालक व परिचालकों के विरूद्ध की गई शिकायतों में विभागीय जांच पूरी हो चुकी है व चालकों के केएमपीएल के केस व परिचालकों को कम आय के केसों का निपटारा एक सप्ताह के अंदर ही कर दिया जाएगा। जिन मार्गों की रूटेशन में आठ घंटे से ज्यादा ड्यूटी ली जा रही है उनके बारे में यातायात प्रबन्धक को दोबारा से ठीक करने के आदेश दिये गए हैं। उन्होंने बताया कि 2016 में लगे चालकों को हर महीने की 7 तारीख तक वेतनमान देना सुनिश्चित करने के लिए हांसी व हिसार के डीआई को हर महीने की 1 तारीख को मास्टररोल देने के आदेश दिये गए हैं, जिन कर्मचारियों की ड्यूटी दिन रात चुनाव में लगी हुई थी उनको टीए अलाऊंस देने के लिए उपायुक्त को पत्र लिखा गया है, कर्मचारी की सेवा निवृति के दिन ही 300 दिनों की छुट्टियों का लाभ देने बारे हैड क्लर्क को आदेश दिये हैं कि प्रत्येक कर्मचारी की छुट्टियों का ऑडिट हर साल अपडेट रखा जाए, कर्मचारियों को सेवानिवृति उपरान्त सामूहिक विदाई पार्टी के लिए वेल्फेयर कमेटी बनाकर हर कर्मचारी के वेतनमान से प्रति माह 50 रुपए वेलफेयर फंड के नाम से कटौती की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया गया है, जिसको लेकर कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है।

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