नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती पर अर्पित किए श्रद्घासुमन
हिसार
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के राष्टï्र के प्रति विचार, सेवाभाव और सिद्घांत आज के दौर में भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं और इन्हें भावी पीढिय़ों के अंतर्मन में इनके बीज रौंप कर हम नेताजी के सपनों के भारत का निर्माण कर सकते हैं। भारत की आजादी में नेताजी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
यह बात तहसीलदार विनय चौधरी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती पर पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विश्राम गृह में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इससे पूर्व उन्होंने कैंप चौक स्थित नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्घासुमन अर्पित किए। इस दौरान आजाद हिंद फौज के स्वतंत्रता सेनानी व अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी नेताजी को श्रद्घासुमन अर्पित किए।
तहसीलदार विनय चौधरी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस को नमन करते हुए उपस्थितगण को उनके विचारों को अपनाने और राष्टï्रहित में अपना योगदान देने का आह्वïान किया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी को बरकरार रखने तथा इसकी एकता व अखंडता के लिए हम सबको बड़े से बड़े बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए। भारत की आजादी के लिए नेताजी जैसे देशभक्तों ने लंबा संघर्ष किया और इसके लिए सर्वोच्च बलिदान देने से भी पीछे नहीं हटे। हमें नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे देशभक्तों व स्वतंत्रता सेनानियों के सद्विचारों के बीज अपनी आने वाली पीढिय़ों के अंतर्मन में रोंपने चाहिए।
इस अवसर पर आजाद हिंद फौज के स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों ने भी नेताजी की प्रतिमा पर श्रद्घासुमन अर्पित करते हुए उनके संबंध में अपने परिजनों द्वारा सुनाए गए संस्मरण सबके साथ सांझा किए। इस अवसर पर वेद प्रकाश बेनीवाल धान्सू, धर्मपाल कैमरी, बलबीर सिंह, करमो, रेशमा, धर्मपाल बिचपड़ी, दलबीर सिंह, नत्थुराम कैमरी, सतपाल सिंह, विजेंद्र सिंह, अंजनी कुमार, चंद्रकांता व डॉ. सत्यपाल, आजाद हिंद फौज के सेनानियों के आश्रित, अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।