धर्म हिसार

अपनी दिनचर्या व जीवनकाल में किसी जीव को कष्ट न दें : स्वामी कृष्णानंद

खरड़ अलीपुर आश्रम में आयोजित भव्य कार्यक्रम में स्वामी दीप्तांन्द जी व स्वामी हरिहरानंद जी महाराज की मूर्ति स्थापित

हजारों श्रद्धालु व संत महात्मा हुए शामिल, अनेक ने ली दीक्षा, आश्रम में पूरा दिन चला भंडारा व प्रसाद वितरण

हिसार।
स्वामी दीप्तांन्द अवधूत मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट खरड़ अलीपुर धाम हिसार में शनिवार को सात दिवसीय वार्षिक भव्य कार्यक्रम के दौरान स्वामी दीप्तांन्द जी व स्वामी हरिहरानंद जी महाराज की मूर्ति स्थापित की गई। इस मूर्ति स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रदेशों से आए हुए अनेक साधु संत महात्माओं ने शिरकत की। कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओ की भी उपस्थित रही। धाम में दिनभर सत्संग, हवन यज्ञ व भंडारे की व्यवस्था रही।

इस दौरान आए हुए श्रद्धालुओं को धर्मलाभ देते हुए आश्रम के संचालक श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज ने कहा कि इस संसार में हर जीव परमपिता परमात्मा का प्यारा जीव है और परमपिता परमात्मा की कृपा का पात्र है। इसमें इंसान का चोला सर्वश्रेष्ठ है, इसलिए हमें अपनी दिनचर्या में व अपने जीवनकाल में किसी भी जीव को कष्ट नहीं देना चाहिए अर्थात हमें कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी का दिल दुखे। उन्होंने आश्रम में आए हजारों श्रद्धालुओं का मानवता का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि मानवता यही कहती है कि हमें दीन दुखियो, लाचारों व जरूरतमंदों की तन, मन, धन से यथासंभव सहायता करनी चाहिए। ऐसा करने से परमात्मा तो खुश होते ही हैं, हमारे मन को भी शांति मिलती है।
सत्संग के दौरान बहुत से श्रद्धालुओं ने दीक्षा भी ली। भगवान की पावन आरती के पश्चात सभी ने प्रसाद ग्रहण किया। स्वामी दीप्तांन्द अवधूत मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट खरड़ अलीपुर धाम में श्री श्री 1008 सतगुरू बंदीछोड़ स्वामी हरिहरानंद जी का पंचम निर्वाण एवं मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। प्रवचनों से पूर्व आश्रम प्रांगण में आश्रम संचालक स्वामी कृष्णानंद जी महाराज के सानिध्य में सर्व मंगल कामना हेतु हवन यज्ञ किया गया। इसके अलावा आश्रम के चल रहे श्री श्री 1008 सतगुरू बंदीछोड़ घीसा संत महाराज की अमृत वाणी के 51 अखंड पाठों का विधिवत रूप से संपूर्ण भोग हुआ।

कार्यक्रम में श्री महंत देवेन्द्र दास जी खेखड़ा, महामंडलेश्वर स्वामी देवेन्द्रानंद गिरी जी, स्वामी ईश्वर दास जी सोनीपत, स्वामी सोमप्रकाश जी कलावड़, गोपालानंद जी हरिद्वार, दिव्यानंद जी नजफगढ़, स्वामी रजनीश जी महाराज पंजाब, स्वामी जितेन्द्रानंद जी सरस्वती, स्वामी कल्याणदेव जी आसोदा धाम, स्वामी शिवदास जी गरीबदास आश्रम हिसार, स्वामी मंगलानंद जी महाराज चांग, संत हरिपाल सिंह महाराज पंजाब, दिव्यानंद जी फतेहाबाद, कृष्णानंद जी हांसी, स्वामी सुखदेवानंद जी हिसार, साध्वी विशोका बाई कुरूक्षेत्र, साध्वी सुरेशा बाई चांग, स्वामी कैलाश दास सीसर, महंत फाल्गुनदास जी खेखड़ा, रत्नस्वरूप साहिब कबीर आश्रम हरिद्वार, स्वामी सदानंद जी जींद, राजेश्वरानंद जी हिसार व अवधेशानंद जी बहादुरगढ़ सहित हजारों श्रद्धालु व संत महात्मा उपस्थित थे।

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