हिसार,
लाला लाजपत राय पशु-चिकित्सा एवं पशु-विज्ञान विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशालय द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की योजना के अंतर्गत 5 दिवसीय डेयरी प्रशिक्षण का आयोजन हिसार के नियाणा गाँव में किया गया। इस बारे में जानकारी देते हुए विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. जगतबीर फोगाट ने बताया कि इस प्रशिक्षण में अनुसूचित जाति के 50 प्रतिभागिओं ने हिस्सा लिया। पशुपालकों के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु उनके तकनीकी सशक्तिकरण को सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य पशुपालकों के तकनीकी ज्ञान व कौशल को बढ़ाना था ताकि वे इससे प्रति ईकाई पशु उत्पादन में इजाफा करते हुए अपनी आमदनी बढ़ा सकें।
प्रशिक्षण में पशुओं की विभिन्न नस्लों, पशुओं के वैज्ञानिक आवास प्रबंधन, पशुओं में अंत: और बाह्य परजीवियों की रोकथाम, पशुओं की मुख्य बिमारियाँ, डेयरी फार्मिंग को अपनाकर पशुपालकों की आय का दोहरीकरण, जैव सुरक्षा का महत्व, दूध और दूध के उत्पादों का मूल्य संवर्धन, पशुओं की प्रमुख प्रजनन समस्याएँ, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन, पशुओं में टीकाकरण का महत्व आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का संचालन डॉ. सज्जन सिंह द्वारा किया गया।
प्रशिक्षण के समापन समारोह में डा. सज्जन सिंह, डा. सरिता व गाँव के गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। डॉ. सज्जन सिंह ने प्रशिक्षण के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों तथा ग्राम वासियों का धन्यवाद किया। इस प्रशिक्षण के सफल संचालन में पूरी ग्रवित टीम का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। समारोह के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र, लुवास का खनिज मिश्रण आदि भी वितरित किए गए।