हिसार,
भारतीय किसान संघ की जिला इकाई ने प्रदेश सचिव राजेन्द्र बिचपड़ी के नेतृत्व में सिटी मैजिस्टे्रट को ज्ञापन देकर कैथल शूगर मिल में गन्ना आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों को वापिस लेने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि भारतीय किसान संघ पिछले तीन महीने से लगातार गन्ने के मूल्य में वृद्धि को लेकर ज्ञापन दे रहा है और धरना-प्रदर्शन कर रहा है। कृषि मंत्री सहित प्रदेश के 40 विधायकों को ज्ञापन दे चुके हैं। करनाल में गन्ने की होली जलाई और सरकार के खिलाफ रोष मार्च निकाला गया लेकिन सरकार ने मूल्य वृद्धि करने की बात तो दूर किसानों का दर्द जानने और समझने की कौशिश भी नहीं की। मजबूरी में गन्ना किसानों को शूगर मिल सांकेतिक बंद करने का निर्णय लेना पड़ा और प्रदर्शन करने का फैसला लेना पड़ा।
गौरतलब है कि कैथल शूगर मिल में किसान शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन करते हुए अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की कौशिश कर रहे थे तो प्रशासन व सरकार ने भेदभाव तरीके से किसानों की आवाज को दबाने के लिए भारतीय किसान संघ के चिन्हित कार्यकर्ताओं पर मुकदमें दर्ज कर दिए। अपनी बात को कहने का सभी को लोकतांत्रिक अधिकार है। ऐसा करने से सरकार उन्हें रोक नहीं सकती। संघ ने मुकदमें दर्ज करने की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन व सरकार से मुकदमें वापिस लेने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में जिला उपाध्यक्ष कृष्ण मिर्जापुर, ऋषिपाल बुगाना, सतीश सहरावत, प्रदीप राजली, विजेन्द्र पनिहार आदि शामिल रहे।