हिसार,
मिर्जापुर रोड स्थित दर्शन अकादमी में एक दिवसीय क्रियात्मक श्रवण कौशल कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें बतौर मुख्य अतिथि प्रेरक वक्ता परामर्शदात्री मीनू चोपड़ा रही। सर्वप्रथम कार्यशला का आरंभ 10 मिनट ध्यान के द्वारा किया गया। तत्पश्चात सभी अध्यापक व अध्यापिकाओं द्वारा अपना परिचय प्रस्तुत कर उनका स्वागत किया गया। कार्यशाला में उनके द्वारा क्रियात्मक श्रवण, कौशल का स्वरूप, प्रकार, विधियों तथा उद्देश्यों आदि से अवगत कराया। साथ ही उन्होंने अनेक प्रकार की गतिविधियों में अध्यापक व अध्यापिकाओं की सहभागिता द्वारा एक अच्छे श्रोता होने के कुछ सकारात्मक पक्षों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि सुनना व बोलना एक कला है। हमारे बोलने के ढंग में ही हमारा व्यक्तित्व और आत्मविश्वास झलकता है। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि किस प्रकार एक अध्यापक अच्छा श्रोता व एक अच्छा प्रेरक बन विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर उनसे जुड़ी प्रत्येक समस्याओं को सुलझा सकते हैं। अंत में विद्यालय प्रधानाचार्या जैसिका कांबले ने अध्यापकों के साथ अपने जीवन के कुछ अनमोल अनुभवों को साझा करते हुए उन्हें अभिप्रेरित किया और कहा कि अध्यापक एक बच्चे का आदर्श होता है।