हिसार

लुधियाना, सिरसा व स्थानीय रागी जत्थों ने शब्द कीर्तन से साध संगत को किया निहाल_

हिसार,
सत्संग की घड़ी अनमोल होती है, इसे कभी ग्वारा नहीं करना चाहिए क्योंकि सत्संग बड़े भाग्य से मिलता है और सत्संग से अपना तो जीवन सुधरता ही है बल्कि परिवार का भी सुधर जाता है। इसलिए सत्संग के लिए जरूरत समय निकालें। उक्त उद्गार रागी जत्था भाई गुरशरण सिंह लुधियाना वालों ने व रागी भाई इंद्रजीत सिंह सिरसा वाले ने स्थानीय डोगरान मोहल्ला में स्थित गुरुद्वारा डेरा भाई जीवन सिंह में हर्षोल्लास के साथ मनाए जा रहे 72वें समागम में उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच व्यक्त किए।
समागम से पूर्व श्री गुरुद्वारा साहिब में रखे 12 अखंड पाठ साहिब का विधिवत भोग हुआ। गुरुद्वारा के मुख्य सेवादार गद्दीनशीन भाई चरणजीत सिंह ने सरबत की भलाई के लिए अरदास कीव संगतों को गुरु नाम की महिमा से अवगत करवाते हुए कहा कि गुरू के आशीर्वाद में बहुत ताकत होती है, इसलिए गुरू नाम सुमिरन अवश्य करना चाहिए पूरे दिन की दिनचर्या में यह सुमरिन जरूर करें जिस से हमारा जीवन सुधरेगा।
प्रबंधक कमेटी डेरा भाई जीवन सिंह द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सतवीं पातशाही श्री गुरु हरिराय जी की असीम कृपा से सत भाई गोला सत भाई लच्छी राम जी के 72 वें वार्षिक तीन दिवसीय समागम का आयोजन किया गया व 12 श्री अखंड पाठ रख गए। इन तीन दिनों में प्रसिद्ध कीर्तनीए जत्थों सिरसा, लुधियाना व स्थानीय जत्थों ने पहुंच कर गुरु घर से जुड़ी साध संगतों को निहाल किया।
समागम के अंतिम दिन लुधियाना से पहुंचे भाई गुरशरण सिंह ने उपस्थित साध संगतों को श्री गुरु ग्रंथ साहिब में वार्णित गुरुबाणी से जोड़ते हुए सुंदर शब्दों ‘आ गए बाबा जी तेरे नाम दे भिखारी, नाम दे भिखारी आ गए नाम दे भिखारी’, ‘जे तु ना फड़दा साडी बांह असी रुल जाना सी सानू किथे न मिलदी थां असी रुल जाना सी’, ‘सुन नाह प्यारे इक बेनती मेरी’, ‘लख खुशियां पातशाहियां जे सतगुरु नजर करे, सतगुरु नजर करे’ ‘मित्तर प्यारे नू हाल मुरीदां दा कहना’, ‘ओखी घड़ी न देखण दई आपण बिरद संभाले’, ‘कोई बोले राम-राम, कोई खुदाए, कोई बोले गुसाइयां कोई अताए’, ‘सतगुरु तुमरे काज संवारे, ‘पिछले अवगुण बक्श ले प्रभ आगे मार्ग पावे’, आदि शब्दों से निहाल किया।
तीन दिवसीय समागम में काफी संख्या में गुरुघर से जुड़े श्रद्धालु बाहर से पहुंचे उनके रहने इत्यादि की व्यवस्था गुरुघर में की गई। इस मौके पर मुख्य रूप से अक्षय मलिक, शालू दिवान, पंकज दिवान, भलनलाल अरोड़ा, सुधीर मोंगिया, बिशंबर गावड़ी, लक्ष्मीनारायण गुर्जर, संजय भुटानी, हरपाल सिंह दर्द, डॉ. राजकुमार आहुजा, संजय सेहरा, सुनील वर्मा ने मुख्य रूप से पहुंच कर गुरुघर का आशीर्वाद ग्रहण किया। प्रबंधक कमेटी की ओर से शहर के अन्य गुरुद्वारों के मुख्य सेवादारों के अलावा जूताघर घर सेवा, लंगर सेवा, जल सेवा के सेवादारों को भी गुरुघर का सिरोपा भेंट किया गया। प्रबंधक कमेटी के प्रधान देवकीनंदन, सुरेंद्र सिंह, भाई हरमिंद्र सिंह हैप्पी व भाई चरणजीत सिंह ने आए मेहमानों, रागियों व गुरघर से जुड़े मुख्य सेवादारों का सिरोपा भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम के उपरांत सभी संगतों में गुरु का अटूट लंगर बरताया गया।

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