हरियाणा

हरियाणा में 6 लाख किसान करे है मधुमक्खी पालन :डॉ.अभिलक्ष लिखी

कुरूक्षेत्र
गांव रामनगर में देश का पहला एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केन्द्र स्थापित किया जाएगा। इस केन्द्र पर 10 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी और हर साल हजारों किसानों को मधुमक्खी पालन का आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण, शहद से बनने वाले उत्पाद, मधुमक्खी पालन की बिमारियों की रोकथाम के साथ-साथ विपणन करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
यह जानकारी आज कुरूक्षेत्र में कृषि विभाग के प्रधान सचिव ने कुरुक्षेत्र के गांव रामनगर में निर्माणाधीन एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केन्द्र का निरीक्षण करने के उपरांत प्रदेश के विभिन्न जिलों से आएं किसानों से बातचीत करते हुए दी। इससे पहले प्रधान सचिव अभिलक्ष लिखी ने मधुमक्खी पालन का काम करने वाले किसान जयकुमार श्योराण, प्रवीन कुमार खडकडा, संदीप जाटान खानपुर करनाल, धर्मपाल व रमेश गांव थाना, सुरेन्द्र चढुनी जाटान, अनिल जींद, मींटू डोडा खेडी, बलजिन्द्र व जयभगवान चढुनी जाटान आदि किसानों से मधुमक्खी पालन से संबधित समस्याओं, मार्किटिंग, सरकारी योजनओं का लाभ, शहद की गुणवत्ता व तमाम पहलुओं के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि 2022 तक मधुमक्खी का पालन करने वाले किसानों की आय को दुगना करने का लक्ष्य सरकार द्वारा रखा गया है। इस दौरान किसानों ने शहद के दाम तय करने, मधुमक्खी फ्रंडली पौधे लगाने, शहद को प्रमाणित करने सहित अन्य समस्याओं को प्रधानसचिव के समक्ष रखा। इतना ही नहीं प्रधान सचिव ने एकाएक रामनगर में किसान रामकरण की सूरजमुखी की फसल का निरीक्षण करने के लिए भी पहुंचे। इस किसान से प्रधान सचिव ने सूरजमुखी में आने वाली बिमारियों, फसल की मार्किटिंग व फसल से संबधित अन्य पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की है। इसके बाद प्रधान सचिव ने 10 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से तैयार किये जा रहे एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केन्द्र के भवन का निरीक्षण किया।
उन्होंंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट से संबधित सभी कार्य समय पर पूरे किये जाने है और 30 सितबंर तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करना है और अक्तूबर के प्रथम सप्ताह यानि स्वर्ण जयंती वर्ष में ही इस प्रोजेक्ट का उदघाटन करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रामनगर के एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केन्द्र पर राज्य सरकार की तरफ से 10 करोड 50 लाख रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है। इस केन्द्र में आधुनिक लैबोट्ररी, प्रोसेसिंग सैंटर, मधुमक्खी पालन के बाक्स बनाने का कार्य करने के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से लैस किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए कान्फ्रेंस हाल का भी निर्माण किया गया है। देश का पहला ऐसा एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केन्द्र बनेगा जहां हर साल हजारों किसानों को मधुमक्खी पालन के आधुनिक तकनीक के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में करीब 6 हजार किसान मधुमक्खी पालन का कार्य कर रहे है। इन किसानों के ज्ञान में वृद्धि लाने, बिमारियों की रोकथाम करने, शहद से बनने वाले प्रोडक्ट का प्रशिक्षण देने के साथ-साथ किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए बाक्स भी मुहैया करवाएं जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बागवानी, पशुपालन,मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। इसलिए राज्य सरकार का उदे्दश्य है कि किसानों की सामाजिक, आर्थिक कृषि और कृषक समुदाय को बढ़ावा दिया जाए, हरियाणा में फल आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिले और रोजगार के अवसर पैदा हो,बागों के प्रबंधन और मधुमक्खी पालन के बारे में आधुनिक प्रशिक्षण दिया जाए, इतना ही नहीं बागवानी में अधिक से अधिक मशीनीकरण का भी उपयोग किया जाए।

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