फतेहाबाद,
संघ शास्ता, शासन प्रभावक, योगीराज पूज्य गुरुदेव श्री अरुण मुनि जी महाराष्ट्र ठाणे-4 ने ठाकर बस्ती स्थित जैन स्थानक में आयोजित कार्यक्रम में साधकों को संदेश देते हुए फरमाया कि यह संसार वियोग धर्मी है, जो चीज या वस्तु आज हमारे अधिकार में है वह कभी भी हमारे हाथ से जा सकती है। आज का संयोग कल वियोग में बदल सकता है। किसी भी वस्तु का वियोग कभी भी हो सकता है, पर मन की शांति को हमेशा बनाए रखना। उन्होंने कहा कि अगर वह भी चली गई तो समझो आपने सब कुछ खो दिया। आज यह संकल्प लें कि किसी भी वस्तु का वियोग हो जाए, हम यानि साधक मन की शांति को सदा बनाए रखेगा। उदाहरण देते हुए पूज्य गुरूदेव अरूण मुनि ने कहा कि एक व्यक्ति की जेब से पांच रुपये का नोट गिरता है, तो वह कहता है ओह! यह मेरा नोट गिर गया। पर नोट हंसकर कहता है कल मैं किसी और की जेब में था परसों किसी और की। मुझे सारे अपना मानते हैं पर मैं किसी को अपना नहीं कहता। हे मानव! तू मेरा मेरी छोड़कर प्रभु बंदगी में लग जा।