हिसार

हकृवि के वानिकी विभाग को कृषि वानिकी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए आईसीएआर से मिला प्रशस्ति पत्र

हिसार,
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर), नई दिल्ली द्वारा समस्त भारतवर्ष में संचालित अखिल भारतीय कृषि वानिकी समन्वित अनुसंधान परियोजना के अन्तर्गत गठित समीक्षा समिति द्वारा हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि महाविद्यालय में स्थित वानिकी विभाग के अनुसंधान फार्म का भ्रमण दिनांक 3-4 मार्च को किया गया। इस समिति के सदस्य, भूतपूर्व सहायक महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के डॉ. ए.के. वशिष्ठ एवं केन्द्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान, झांसी, उत्तर प्रदेश के प्रधान वैज्ञानिक एवं समीक्षा समिति के सचिव, डॉ. ऐ.के. हाण्ड़ा ने भ्रमण के दौरान विकसित विभिन्न कृषि वानिकी आधारित प्रणालियों एवं वानिकी विभाग द्वारा किसानों के लिए विकसित की गयी नई तकनीकियों का बारिकियों से अवलोकन किया।
अवलोकन के बाद दो सदस्यीय समिति ने वानिकी विभाग द्वारा अनुसंधान फार्म पर किये गये उत्कृष्ट कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.पी. सिंह को प्रशस्ति पत्र प्रदान करके विश्वविद्यालय और वानिकी विभाग को पर्यावरण संरक्षण में व्यावहारिक रूप से योगदान के लिए बधाई दी। प्रो. सिंह विश्वविद्यालय कैंपस और कृषि विज्ञान केन्द्रों में हरियाली को जीवित रखने व इसको बढ़ावा देने के लिए हमेशा वैज्ञानिकों को प्रेरित करते हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा गठित समीक्षा समिति ने कुलपति प्रो. के.पी. सिंह को उनके द्वारा वानिकी विभाग में कार्यरत वैज्ञानिकों को दी गई सुविधाएं, सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए तह दिल से आभार व्यक्त किया। समीक्षा समिति के सदस्यों ने हकृवि के निदेशक अनुसंधान, डॉ. एस.के. सहरावत से भी मुलाकात की ताकि उनके द्वारा वानिकी क्षेत्र में किये गए मार्गदर्शन के लिए उनका आभार व्यक्त किया जाए। वानिकी विभाग द्वारा कृषि वानिकी क्षेत्र में किये जा रहे अनुसंधानों से किसानों की आमदनी बढ़ाने एवं घटते हुए प्रदूषण को नियंंित्रत करने में महत्वपूर्ण सफलता मिलेगी।
इस समीक्षा समिति के दो दिन के भ्रमण के दौरान विभाग के अनुसंधान फार्म, वानिकी नर्सरी व विभाग का निरीक्षण किया। भारत वर्ष में केन्द्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान, झांसी के अन्तर्गत विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली एवं भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद्, देहरादून के 39 केन्द्र कृषि वानिकी आधारित अनुसंधान पर कार्य कर रहें हैं। इसके अतिरिक्त कृषि वानिकी प्रणालियों को अपनाने से हरियाणा प्रदेश के वनक्षेत्र को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण सफलता मिलेगी। इस परियोजना में मुख्य अनुवेशक, डॉ. आर.एस. ढिल्लो, डॉ. छवि सिरोही एवं डॉ. परविन्द्र कुमार व अन्य वैज्ञानिक कार्यरत हैं।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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